तराई-भावर एवं मैदानी क्षेत्रो में जहाॅ जल भराव की समस्या न हो, वहाॅ दलहनी फसलो उर्द, मंगू एवं लोबिया की बुवाई अगस्त के प्रथम सप्ताह तक कर सकते हैं।
उर्द की पंत उर्द -31, पंत उर्द-40, पंत उर्द -35, उत्तरा आदि किस्मों की बुवाई 30 सेमी की दूरी पर बनी लाईनो मे 3-4 सेमी गहराई पर करें। बीज दर 12-15 किलोग्राम/हैक्टेर रखे। बीज को बुवाई से पूर्व फफूंदीनाशक एवं राइजोवियम कल्चर से उपचारित करं।े
धान के खेत मे सतह से पानी अदृश्य होने के 2-3 दिन के अंदर, खेत मंे दरार पड़ने से पहले 5.7 सेमी सिंचाई करना चाहिए।
खरपतवार नियत्रंण हेतु निराई दो बार- पहला रोपाई के 20 दिन तथा दूसरा 40 दिन पर अवश्य करें। अगर मानव श्रम की कमी हो तो धान मे खरपतवार नियंत्रण हेतु रोपाई के 2-3 दिन के अंदर ब्यटूाक्लोर 50 ई सी के 3.0 लीटर या एनीलोफास 30 ई सी के 1.65 लीटर या प्रेटीलाक्लोर 50 ई सी के 1.50 लीटर दवा प्रति हैक्टर को 500 लीटर पानी मे घोल कर छिड़काव करें।