1.उर्द एवं मूंग की बुवाई जुलाई के दूसरे पखवाड़े मे करें। उर्द की पंत उर्द-19 एवं पंत उर्द-35, पंत उर्द-31 तथा मॅगू की पंत मूॅग -4 एवं पंत मॅूग-5 का चुनाव करे।
2.बीज शोधन हेतु 2 ग्राम थीरम तथा 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम का प्रति किलो बीज हेतु प्रयोग करो।
3.अगर मानव श्रम की कमी हो तो धान मे खरपतवार नियंत्रण हेतु रोपाई के 2-3 दिन के अंदर ब्यूटाक्लोर 50 ई सी या थायोबेनकार्ब 50 ई सी के 3.0 लीटर/है0 या एनीलोफास 30 ई सी के 1.65 लीटर या प्रेटीलाक्लोर 50 ई सी के 1.50 लीटर का छिड़काव करें। रसायनो के प्रयोग के समय खेत मे पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
4.रोपाई के समय खेत मे 1-2 सेमी से ज्यादा पानी नही होना चाहिए।
5.रोपाई के बाद एक सप्ताह तक कल्ले निकलते समय, फूल खिलते समय तथा दाना भरते समय खेत मे पानी रहना चाहिए।
6.धान के खेत मे लगाातार पानी भरा रखना आवश्यक नही है। खेत की सतह से पानी अदृश्य होने के एक दिन बाद 5-7 सेमी सिंचाई करनी चाहिए।
7.लेव लगाने के 10-15 घंट े बाद रोपाई करें।
8.धान की रोपाई से पहले उसकी जड़ों को कार्बेन्डाजीम 1 ग्राम/लीटर के घोल में आधे घण्टे तक भिगोने के बाद रोपाई करें।
9.धान की शीघ्र पकने वाली किस्मो की रोपाई जुलाई के तीसरे सप्ताह तक अवश्य पूरा कर ले|
10.धान की रोपाई हेतु पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 ेमी0 तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी0 रखें तथा एक स्थान पर 2-3 पौधे लगाने चाहिए, रोपाई 2-3 सेमी0 गहराई से ज्यादा नहीं करनी चाहिए। रोपाई से 10 दिन के अन्दर मरे पौधों की जगह फिर से रोपाई करें।