•रोपित धान में खरपतवार के नियत्रंण हेतु ब्यूटाक्लोर (50 ईसी) (व्यापारिक नाम-मचेटी बेलाक्लोर, कैपक्लोर, पैराक्लोर) की 3 लीटर मात्रा को 750 ली0 पानी में घोल बनाकर रोपाई क े 3 दिन के अंदर प्रयोग करे। या
•बिस्पायरिबैग सोडियम (10 ईसी) (नाॅम्नीगोल्ड) 200 से 250 मिली0 मात्रा को रोपाई के 20-25 दिन के बाद 500 ली0 पानी का घोल बनाकर प्रयोग करने से हर प्रकार के खरपतवारो का नियत्रण्ंा हो जाता हैं। या मैट सल्फयूराॅन मिथाइल़ क्लोरो सल्फयूराॅन इथाइल की 20 ग्रा0 मात्रा को 500 ली0 पानी मंे घोल बनाकर रोपाई के 20-25 बाद या खरपतवार के 3-4 पत्ती आने की अवस्था पर प्रयोग करने पर चैड़ी पत्ती एवं मौथा वर्गीय खरपतवारो का नियत्रण्ंा हो जाता है।
•धान की रोपाई करे।
•धान की रोपाई के पूर्व अगर खेत में खरपतवार है तो उन्हे निकाल दें।
•पौध रोपण के समय मुख्य खेत की तैयारी करे तथा अंतिम जुताई के समय तथा लेव लगाने से पहले 75 किग्रा नत्रजन, 60 किग्रा फाॅसफोरस तथा 40 किग्रा पोटाश के साथ ही 25 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करे।
•एक स्थान पर 2 या 3 पौधे ही लगाये।
•पंक्ति से पंक्ति की दरूी 20-25 सेमी तथा पौध से पौध की दूरी 10 सेमी रखे।