1.गर्मी के मौसम में पशुशाला के आसपास की नालियो में मेलाथियाॅन अथवा अन्य कीटनाशक दवाइयो का छिड ़काव समय समय पर कराते रहे।
2.विदेशी गायें अधिक गर्मी सहन नही कर पाती जिससे उनके आहार ग्रहण करने की क्षमता में कमी आ जाती है। और उनका उत्पादन प्रभावित होता है। अतः विदेशी गायो का उत्पादन बनाये रखने तथा बीमारियो से बचाव हेतु गौशाला के अन्दर तापमान नियंत्रण हेतू शीतल यंत्र जैसे पंखा, कूलर अथवा आधुनिकतम शीतल यत्रं की व्यवस्था करे।
3.अगर पशु लू के प्रकोप का शिकार हो जाए तो पास के पशु चिकित्सक से मिलकर उसका तुरन्त उपचार करायें।
4.पशुओं को स्वच्छ, ताजा एवं ठंडा जल दिन में तीन बार (सुबह, दोपहर, शाम) पिलाना चाहिए। यदि पशु के शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद हो तो उसकी चमड़ी के तापमान एवं मौसम के तापमान में सामंजस्य बना रहता है एवं पशु को लू भी नहीं लगती।
5.गर्मी से बचाने हेतु पशुओं को संतुलित आहार जिसमें सभी पोषक तत्व प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइडेªट, खनिज लवण तथा विटामिन्स उचित मात्रा एवं उचित अनुपात मंे उपस्थित हों, देवें। सूखे चारे के साथ हरा चारा एवं दाना अवश्य दें।
6.भैंसों को पशुशाला में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक रखना चाहिए, जिससे उन्हें तेज धूप से बचाया जा सके।