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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-05-10 10:05:25

गेहूँ एवं दलहनी फसलों की कटाई एवं मड़ाई का कार्य करें

नैनीताल, उत्तराखंड 

1.लोबिया व फ्रासबीन मे पौधे सूखने की स्थिति मे, कार्बन्डाजिम 1 ग्राम/ली0 पानी की दर से प्रयोग करे।

2.गेहूँ एवं दलहनी फसलों की कटाई एवं मड़ाई का कार्य  करें।

3.गेहूँ की मढ़ाई के बाद धान की बुवाई के लिए गहरी जुताई एवं मेड़बन्दी करे।

4.चारा फसलो में सिंचाई के उपरान्त नत्रजन का प्रयोग करे जिससे अत्यधिक चारा प्रयोग किया जा सके।

5.इस समय खाली खेत मंे गहरी जुताई कर क्षेत्र की मेढ़ बन्दी करे जिससे पानी को संरक्षित किया जा सके।

6.मैदानी क्षेत्रों में, शरद एवं बसंतकालीन गन्ने की सिंचाई, खरपतवार एवं पोषक तत्वो का प्रबन्धन ठीक प्रकार से करे।

7.मैदानी क्षेत्रों में, बसंतकालीन गन्ने में खरपतवार के नियत्रं ण हेतु बुवाई के तीन दिन के अंदर या 15-20 दिन पर 2-3 पत्ति अवस्था में वैलपार के-4 की 2 कि0ग्रा0 मात्रा को 800 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

8.गन्ने में निराई-गुड़ाई के उपरांत सिंचाई के बाद नत्रजन का प्रयोग करें।

9.बसंतकालीन गन्ने में कल्ले निकलने की अवस्था में गुड़ाई करने के एक हफ्ते बाद सिंचाई करें एवं मैटीब्यूजीन/एटाजीन की 2 कि0ग्रा0 मात्रा को 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

10.शरदकालीन गन्ने मंे आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा नत्रजन की बची हुई 1/3 मात्रा का प्रयोग करें व खरपतवारों का नियंत्रण करें।