अरबी व अदरक की फसल हेतु जिन क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा हुई है वहाँ पानी का निकास करें व जहाँ वर्षा नहीं हुई है वहाँ सिंचाई कर खरपतवार निकालें एवं मिट्टी चढ़ाएँ।
पिछलें माह बोई गई बैगन की फसल मंे निराई-गुड़ाई करें। नत्रजन की बची हुई आधी मात्रा का एक चैथाई हिस्सा खेत में टाॅप डै ªसिंग के रूप में डालें और शेष एक चैथाई नत्रजन का 60-65 दिन के अंतराल पर खड़ी फसल में टाॅप डैªसिंग के रूप में दें।
टमाटर एवं मिर्च की फसल मे जड़ एवं तना संधि सड़न रोग के नियंत्रण हेतु टाईकोडरमा 10 ग्राम/लीटर या कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ो की सिंचाई करें।
कद्दु वर्गीय फसलों की पत्तियो पर पीले-भूरे धब्बे दिखाई पड़ने मेन्कोजेब 2.5 ग्रा0/ली0 की दर से घोल बनाकर छिड़काव करंे।
मिर्च की फसल में ऊपर से डन्ठल काले पड़कर सूखने की समस्या की निदान हेतु संक्रमित शाखाओं को तोड़कर हटा दें एवं फल सड़न की समस्या हेतु कार्बेन्डाजिम का 0.1 प्रतिशत की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
भिण्डी की फसल मे पत्तियो की शिराये पीली पड़ने पर संक्रमित पौधो को उखाड़ दे तथा रोगवाहक कीटो के नियंत्रण हेतु किसी सर्वांगी कीटनाशी का छिड़काव करे।
टमाटर की फसल मे पत्तियो पर धब्बे पड़ने एवं झुलसने पर मैनकोजेब 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।
पपीतें के बगीचों में जल निकास का उचित प्रबंध करें।
इस माह आम में जाला बनाने वाला टेन्ट कैटरपिलर कीट का भी प्रकोप होता है इसलिए जाला छुड़ाने वाले यंत्र से जाले को साफ करे। एवं प्रभावित प्ररोहो को काटकर कीड़ो सहित जला दे। अगर प्रकोप अधिक हो तो कीटनाशको जैसे 0.2 प्रतिशत कार्बरिल या 0.05 प्रतिशत क्वीनालफाॅस का छिड़काव करे।
रेडरस्ट तथा एन्थ्रेक्नोज के नियत्रंण हेतू 0.3 प्रतिशत काॅपर आॅक्सी क्लोराइड (3.0 ग्रा0 प्रति ली0) का छिड़काव करे।