
Weather forecast for the next five days for Udham Singh Nagar district

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मौसम पूर्वानुमानः
पूर्वानुमानित मौसमतत्व |
मौसम पूर्वानुमान - उधम सिंह नगर |
||||
02/03/2019 |
03/03/2019 |
04/03/2019 |
05/03/2019 |
06/03/2019 |
|
वर्षा (मिमी0) |
0 |
2 |
0 |
2 |
0 |
बादल |
साफ़ |
घने बादल |
आंशिक बादल |
मध्यम बादल |
आंशिक बादल |
अधिक्तर तापमान(डिग्री से.ग्रे) |
22 |
23 |
23 |
24 |
25 |
न्यूनतम तापमान(डिग्री से.ग्रे) |
7 |
8 |
10 |
9 |
9 |
अधिक्तम सापेक्षित आद्रता (प्रतिशत) |
85 |
90 |
90 |
90 |
90 |
न्यूनतम सापेक्षित |
45 |
50 |
50 |
50 |
50 |
हवा की औसत गति(कि0मी0 |
008 |
006 |
008 |
006 |
006 |
हवा की दिशा |
उत्तर-पश्चिम |
उत्तर-पश्चिम |
पूर्व-दक्षिण-पूर्व |
उत्तर-उत्तर-पश्चिम |
उत्तर-उत्तर-पश्चिम |
भारत मौसम विज्ञान विभाग के नैनीताल स्थित मौसम विज्ञान वेधशाला (समुद्रतल से ऊँचाई-243.8मीटर) के प्रेक्षणानुसार विगत सात दिनों (22-28 फरवरी 2019) में आसमान साफ़ रहने के मध्यम से पूर्णत: बादल छाए रहें तथा 3.0 मि.मि वर्षा हुई बादल छाए रहे| अधिकतम तापमान 16.5 से 27.2 डि0से0 एवं न्यूनतम तापमान 5.2 से 14.9 डि0से0 के बीच रहा तथा वायु में सुबह 07.12 बजे सापेक्षित आर्द्रता 86 से 95 प्रतिशत व दोपहर 14.12 बजे सापेक्षित आर्द्रता 54 से 79 प्रतिशत एवं मुख्यतः पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा से चली।
ऐसे अनुमानित मौसम में गो0ब0 पन्त कृषि एवं प्रौद्यो0 विश्वविद्यालय, पन्तनगर के वैज्ञानिकों द्वारा इस क्षेत्र के कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि इस मौसम में विभिन्न फसलों के लिए खेतों में निम्नानुसार कार्यक्रम अपनायें।
कृषि मौसम परामर्श
फसल |
अवस्था |
कृषि मौसम सलाह समिति द्वारा किसानों हेतु कृषि सलाह |
गेहूं, जों |
बालियाँ |
आगामी दिनों में वर्षा को ध्यान मे रखते हुए किसान भईयो को सलाह दी जाती है कि आगामी कुछ दिनो तक फसलों मे सिंचाई न करें। |
गन्ना |
अगेती-कटाई पछेती-बुवाई |
गन्ना की अगेती फसल की कटाई करें। नई फसल की बुवाई मौसम को ध्यान मे रखकर करें। बसंतकालीन गन्ना की बुवाई 15 मार्च तक पूरा कर लेनी चाहिए। गन्ना बीज हेतु गन्ना के उपरी दो तिहाई भाग का प्रयोग करेंगें। प्रति हैक्टर 3 आँखें वाले 40-50 हजार टकु ड़े प्रयोग करें। लाईन पूरब-पश्चिम दिशा में 75 से0मी0 की दूरी पर बनाए। |
राई, सरसों |
पकने की अवस्था |
राई व सरसों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें व कटाई की तैयारी करें। |
सूरजमुखी |
बुवाई |
सूरजमुखी की मार्डन, सूर्या, आदि की बुवाई करें। |
प्याज, लहसून |
वानस्पतिक बढ़वार |
प्याज और लहसुन की पत्तियॉं उपर से पीली पड़ने पर प्रोपीकोनाजोल या टेबूकोनाजोल का 1 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर। |
उद्यान प्रबन्ध |
- |
फरवरी माह में बाग की साफ-सफाई करनी चाहिए तथा पाले से बचाव के लिए लगाए गये पुआल अथवा घास इन्यादि को फरवरी के अन्तिम सप्ताह में निकाल देना चाहिए। |
आम |
बौर की अवस्था |
आम मे बौर आने की अवस्था है। बौर आने के समय सिंचाई न करें। |
सेब, नाशपाती, अखरोट, खुबानी आदि |
बुवाई |
पूर्व में आरक्षित किये शीतोष्ण फल वृक्षो जैसे सेब, नाशपाती, खुबानी, अखरोट आदि फल वृक्षो को लगाने का कार्य प्रारम्भ करें। |
पशुपालन |
- |
भैंस के 1-4 माह के नवजात बच्चों की आहार नलिका में टाक्सोकैराविटलूरम (केचुआँ/पटेरा) नामक परजीवी पाए जाते है। इसे पटेरा रोग भी कहते है। पटेरा रोग से बचाव हेतु प्रसव होने के 10 दिन पश्चात् 10-15सी0सी0 नीम का तेल नवजात को पिला दें। तदपुरांत 10 दिन पश्चात् पुनः 10-15 सी0सी0 नीम का तेल पिला दें। बथुए का तेल इसका रामबाण इलाज है। |
मुर्गी पालन |
- |
मुर्गियों के आवास के तापमान का अनुरक्षण करें। सरद ऋतु में बिछावन की मोटाई बढा दे जिससे कुक्कुट को पर्याप्त गर्मी मिलती रहे। |
डा0 आर0 के0 सिंह
प्राध्यापक एवं प्रिंसिपल नोडल अधिकारी
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा,
गो.ब. पन्त कृषि एवं प्रौद्यो. विष्वविद्यालय, पन्तनगर
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