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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-09-24 11:02:43

बाग़-बगीचों की इस तरह करें देखभाल

नैनीताल, उत्तराखंड 

21 से 25 सितम्बर

 मध्यम व ऊॅचें पर्वतीय क्षे़त्रों में, मटर, मूली, बन्दगोभी, फूलगोभी फसलो में गुड़ाई के पश्चात् पलवार का प्रयोग करें ताकि नमी संरक्षण हो सके।

 घाटी क्षेत्रो में, घरेलू खपत के लिए सिंचित दशा में बन्दगोभी एवं फूलगोभी स्नोबॉल समूह का प्रतिरोपण करें।

 घाटी क्षेत्रो में, यदि बरसात समाप्ति पर है तथा खेत में पानी नही रुकता हो तो प्रथम सप्ताह में अर्किल मटर की बुवाई करें।

 टमाटर एवं मिर्च की फसल मे जड़ एवं तना संधि सड़न रोग के नियत्रं ण हेतु ट्राईकोडरमा 10 ग्राम/लीटर या कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ो की सिंचाई करें।

 फ्रासबीन की फलिया सड़ने एवं सफेद फफूंदी की बढ़वार दिखाई पड़ने पर कार्बन्डाजिम 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।

 शातोष्ण फलों में, तनों तथा टैहनियों पर लाइकेन की पपड़ी को हटाने के लिए 1 प्रतिशत कास्टिक सोडा का छिड़काव करें।

 सदाबहार फल पौधों जैसे आम, अमरूद, नींबू, पपीता, लीची आदि फल पौधों को लगायें।

 बागीचों में खरपतवारों के नियंत्रण हेतु निराई-गुड़ाई करें।