Expert Advisory Details

idea99gb.jpg
Posted by GB Pant University
Punjab
2018-09-24 11:38:06

बागबानी फसलों की देखभाल में इन बातों का ध्यान जरूर रखें

21 से 25 सितम्बर 

उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 

गाजर व मूली के लिए खेत तैयार करें व माह के अंत तक बुवाई करें। मूली की प्रजातियों पूसा रश्मि, जापानी सफेद, चाइना रोज़, पूसा हिमानी तथा गाजर की प्रजातियों जैसे पूसा केसर, अमेरिकन ब्यटूी, पूसा नैनटिस की बुवाई करें।

टमाटर की फसल के लिए पौधशाला का निर्माण कर शीत ऋतु हेतु बीज की बुवाई करें। सामान्य प्रजातियों हेतु 500 ग्राम/है0 व संकर प्रजातियों हेतु 200 से 250 ग्राम/है0 बीज की आवश्यकता है।

अगेती आलू के लिए खेत तैयार करें। 200-250 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद खेत मंे मिलाकर माह के अंत तक बुवाई करें। इसके लिए 20-25 क्विंटल बीज प्रति है0 की आवश्यकता होगी।

गांठगोभी की पर्पिल वियना और वाईट वियना प्रजातियों की बुवाई करें।

टमाटर एवं मिर्च की फसल मे जड़ एवं तना संधि सड़न रोग के नियंत्रण हेतु ट्राईकोडरमा 10 ग्राम/लीटर या कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ो की सिंचाई करें।

बगीचें में शाँख गाँठ का प्रकोप होने पर क्यूनौलफॉस 2 मि0ली0/लीटर के हिसाब से प्रयोग करें।

जैसा कि आंवले में फल वृद्धि शुरू हो गयी है अतः अच्छी गुणवत्ता के फल हेतु बोरैक्स 200-250 ग्राम प्रति वृक्ष थालों मे प्रयोग करें।

इस माह में जाला बनाने वाला टेन्ट कैटरपिलर कीट का भी प्रकोप होता है इसलिए जाला छुड़ाने वाले यंत्र से जाले को साफ करे। एवं प्रभावित प्ररोहो को काटकर कीड़ो सहित जला दे। अगर प्रकोप अधिक हो तो कीटनाशको जैसे 0.2 प्रतिशत कार्बरिल या 0.05 प्रतिशत क्वीनालफॉस का छिड़काव करे।

रेडरस्ट तथा एन्थ्रेक्नोज के नियत्रंण हेतू 0.3 प्रतिशत कॉपर ऑक्सी क्लोराइड (3.0 ग्रा0 प्रति ली0) का छिड़काव करे।