Expert Advisory Details

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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-11-16 07:20:16

उद्यान प्रबन्ध के लिए किसानो के लिए सलाह

 गाजर, मूली, शलजम आदि फसलो मे आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं निराई-गुड़ाई करे।

•जिन क्षेत्राे मे मटर की बुवाई नही हुई है वहा बीज की बुवाई करें। तराई क्षेत्र में बीज की बुवाई द्वितीय सप्ताह तक अवश्य कर लें। जिसके लिए 80-90 किग ्रा बीज/है0 की आवश्यकता होती है।

•मटर के लिए 25 किग्रा नत्रजन, 70 किग्रा फाॅस्फाेरस व 50 किग्रा पोटाश की आवश्यकता हाेती है। जिसे बीज बोने से पहले खेत मे अच्छी तरह मिलाकर बीज की बोवाई कतारो मे 30 सेमी की दूरी पर करें।

•पछेती गोभी की पाैध तैयार हो चुकी है ताे उसकी रोपाई इस माह कर सकते है जिसके लिए सामान्य भूमि में 150 किग्रा नत्रजन, 80 किग्रा फाॅस्फोरस व 60 किग्रा पोटाश की संस्तुति की जाती है। जिसमे से आधी नत्रजन एवं

•सम्पूर्ण फाॅस्फाेरस व पाेटाश खेत की अंतिम जुताई के समय डालें।

•गोंद निकाले की दशा में काॅपर आक्सी क्लाेराइड तथा बुझे हुए चूने का पाैधेां के मुख्य तने पर जहाँ से गाेंद निकल रहा हाें का लेप करें।

•पत्तियों पर अगर एेन्थ्राक्नोज का प्रकोप हाे तो काॅपर आक्सी क्लोराइड का 2 ग्राम/ली0 के हिसाब से छिड़काव करें।

•अगर बगीचों की सफाई व जुताई न हुई हो ताे इसे शीघ्रातीशीघ ्र पूर्ण करें।

•स्टैम कैंकर या काई कवक अगर तनों पर दिखें तो काॅपर आक्सीक्लोराइड या बीड़ों मिक्सर का छिड़काव करें।

•जाला कीट का प्रकोप होने की दशा में जाला साफ करने वाले यंत्र से सफाई करें तथा क्लीनालफाॅस 2 मि0ली0/ली0 के हिसाब से छिड़काव करें।