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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-03-23 03:51:25

गेहूँ की फसल में आवश्यकतानुसार सिंर्चाइ  करें

नैनीताल, उत्तराखंड 

गेहूँ की फसल में आवश्यकतानुसार सिंर्चाइ  करें तथा कीड़े एवं अन्य बीमारियों के प्रकोप हो रहा हाे तो अन ुमोदित कीटनाशियाें का प्रयोग करें।

मध्यम पर्व तीय क्षेत्रों में, मार्च -अप्रैल में साॅवा (मादिरा/झंगुरा) की प्रजातियों जैसे वी0एल0 मादिरा-172, वी0एल0 मादिरा-207 तथा पी0आर0ज े01 की बुर्वाइ  पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25से0मी0 एवं पौधे से पौधे की दूरी 10से0मी0 पर करें। जिसमें 8-10कि0ग्रा0/है0 बीज उपयुक्त हाेगा। नत्रजन, फास्फोरस व पोटाश् का 40ः20ः20 के अनुपात में  प्रयोग करें। जिसमें नत्रजन की आधी मात्रा एव ं फास्फोरस तथा पाेटाश की पूरी मात्रा का बुर्वाइ  के साथ प्रयोग करें। नत्रजन की शेष बची आधी मात्रा बुर्वाइ  के एक महीने बाद टाॅप डेसिंग के रूप में प्रयोग करें।

झंगुरे की बुर्वाइ  के समय सड़ी र्हुइ  गोबर की खाद या कम्पोस्ट उपलब्ध हो ताे 100 क्विंटल/है0 या 2 क्वि ंटल प ्रति नाली की दर से खेत में अच्छी तरह मिला दें। यदि कम्पोस्ट उपलब्ध न हो तो वर्मीकम्पोस्ट 50 क्विंटल/है0 या 1 क्विंटल प ्रति नाली की दर से प्रयोग करें।

खरपतवार के नियंत्रण हेतु बुर्वाइ  के 20-25 दिन बाद 650ग्राम 2,4 डी0 सोडियम साल्ट 500लीटर पानी में घाेल बनाकर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

सावा के बीज को कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम/कि0ग्रा0 बीज की दर से बुर्वाइ  से प ूर्व  उपचारित करें।

गेहूँ की फसल मे निचली पत्तियाे पर पीले रंग के फफोले दिर्खाइ  देने पर या पत्तियो पर भूरे धब्बे या नोक से पत्तियो के पीले पड़कर मुरझाने पर प्राेपीकोनाजोल 2र्5 इ 0 सी0 का 1 लीटर/हैक्टेयर की दर से छिड़काव करंे।