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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-02-28 11:15:15

मटर, आलू और अन्य बागबानी फसलों की ऐसे करें देखभाल 

नैनीताल

1.ऊँचें पर्वतीय क्षेत्रों में जहाँ पर बर्फ पिघल रही है नत्रजन खाद की प्रथम आधी मात्रा शीतोष्ण फल वृक्षो क े थालों म ें प्रयोग करें।

2.शीतोष्ण फल प्रजातियों के फल क े बगीचों में फूल आन े पर परागण ह ेतु मधुमक्खियों के बक्सों को लगभग 2-3/है0 की दर से रखें।

3.बीज ू आलू कन्दों की सफाई कर मैन्कोजेब रसायन के 0.25 प्रतिशत के घोल म ें आधे घंट े तक उपचारण कर छाया में स ुखाय ें तथा मार्च में बुवाई हेत ु बीज सुरक्षित रखें।

4.मटर की फसल मं े गुड़ाई करें, साथ ही नत्रजन की कमी को देखते हुये यूरिया की टाॅप डेªसिंग करें।

5.मध्यम एवं ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रो में यदि बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च तथा मिर्च की रोपाई की जानी है। तो इस माह इन बीजो की नर्सरी मंे बुवाई कर ें।

6.घाटी क्षेत्रो मे यदि तापक्रम बढ़ गया हो तो फ्रासबीन अर्का कोमल तथा कन्टण्े डर किस्मों की बुवाई करं।े

7.घाटी क्षेत्रो मे प्याज एवं लहसुन की खड़ी फसल में यदि परपल ब्लाॅच रोग की समस्या दिखे तो 25 ग ्राम ब्लाईटाॅक्स रसायन 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

8.मटर मं े यदि लीफ माईनर कीट का प्रकोप हो तो इमिडाक्लोप्रिड रसायन की 0.08 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें।

9.आलू की बुवाई हेतु खेत की तैयारी कर अन्तिम सप्ताह में कुफरी ज्योति किस्म की बुवाई करं।े साथ ही 4-5 कुन्तल गोबर की खाद के साथ 2.5 कि0ग्रा0 डी0ए0पी0 तथा 2 कि0ग्रा0 पोटाश उर्वरक प्रयोग करें।

10.मटर में पौधों की सूखन े एवं निचली पत्तियां पीले पड़न े की अवस्था में कार्बन्डाजिम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर जड़ों की सिंचाई कर ें ।

11.प्याज और लहसुन की पत्तियाॅ उपर से पीली पड़न े पर प्रोपीकोनाजोल या टेबूकोनाजोल का 1 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर े।

12.टमाटर मं े पीलापन लिए हुए भूरे धब्बे दिखाई दने े पर मैन्कोजेब 2.5 से 3.0 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

13.गोभी वर्गीय सब्जियो में पत्ती धब्बा रोग के नियत्रंण हेत ु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।