जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी की तरफ से इस हफ्ते के लिए अनाज वाली फसलों के लिए सुझाव
1 फरवरी 2018
1.बिलम्ब से बोई गहे ॅू की फसल जिसे दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े में लगाया गया है, में चैड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियत्रं ण हेतु बुवाई के 40-45 दिन बाद 2, 4-डी की 80 प्रतिशत शुद्धता वाली दवा के 625 ग्राम/हेक्टेयर मात्रा को 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव फ्लैट फैन नाजल लगग स्प्रेयर द्वारा करें। अगर यूि रया की टापड्रेसिंग नहीं गई हो तो इसे खरपतवारनाशी के छिड़काव से 2-3 दिन पहले की पूरा कर लेना चाहिए।
2.गेहॅू मे पीली गेरूई के प्रकोप मं े पत्तियाँ पीली पड़ जाती है। खेत में पत्तियों को छूने से पीला रगं हाथ में लगे तो रोग के लक्षण दिखाई देते ही प्रोपीकोनाजाल 25 ई0 जो टिल्ट यादि के व्यवसायिक नाम से बाजार मे ं उपलब्ध है के 500 मि0ली0 हैक्टर की दर स े 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
3.मेंथा की बुवाई 15-20 फरवरी तक कर सकते हैं। उन्नतशील किस्मों- कोशी, सक्षम, कुशल, हिमालय, सरयू एवं संगंध पौध संस्थान के पन्तनगर प ्रक्षेत्र से प्राप्त कर सकत े हैं। 400-500 कि0ग्रा0 जड़/हैक्टर की आवश्यकता होती है। बुवाई से पूर्व जड़ों को 5-7 से0मी0 लम्बे टुकड़ो ं जिसमं े 3-4 गांठे हो मं े काटते हैं। इसके उपरान्त 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति लीटर पानी में घोल कर इसमं े 5 मिनट तक डुबोकर शोधित करते हैं। इसके बाद जड़ टुकड़ों केा घोल से निकाल कर आधे घण्टे तक छायादार स्थान में सुखा कर बुवाई करते हैं।
4.नौलख गन्ना की कटाई 15 फरवरी से पहले न करें।
5.चना एवं मसूर में फलीवेदक कीट का प्रकोप होने पर फूल आते समय मैलाथियान 50 ई0सी0 के 2.0 लीटर अथवा क्यूनालफास 25 ई0सी0 1.5 लीटर/है0 की दर स े 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
6.चना व मसूर की फसल मे फूल बनते समय 2 प्रतिशत यूरिया के घोल का पर्णीय छिड़काव करे। प्रथम छिड़काव के 10-15 दिन बाद दूसरा छिड़काव करे। प्रति हैक्टर 600-700 लीटर पानी का प्रयोग करे।
7.गेहूँ की फसल मे निचली पत्तियो पर पीला रतवा रोग का प्रकोप दिखाई पड़ने पर प्रोपीकोनाजोल 25 ई0 सी0 का 1 लीटर/हैक्टये र की दर से छिड़काव करंे।