जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी की तरफ से किसानों के लिए फसल सलाह
4 जनवरी 2018
1.अगर केवन चैड़ी पत्ती वाले खरपतवारो का ही बहुलता हो तो नवम्बर मं े बोई गई गंेहूॅ की फसल मंे 30-40 दिन बाद तथा दिसम्बर मंे बोई समय मं े बुवाई के 40-45 दिन बाद 2,4 डी0 के 500 ग्रा0 सक्रिय अवयव या मैटसल्फूराॅन मिथाइल के 4 ग्रा0 या कारफेप्ट्राजान के 20 गा्र0 का 500-600 ली0 पानी में घोल कर फलैट - फेन नोजन द्वारा छिड़काव प्रति हेक्टेयर की दर से करे।
2.कगर सकरी पत्ती वाले खरपतवारो की बहुलता हो तो गेंहूॅ की फसल में बुवाई के 30-35 दिन बाद फिनोक्साडेन 40-45 ग्र0 या सल्फोसल्फूराॅन के 25 ग्रा0 या क्लाडिनाफाॅप के 60 ग्र0 या फिनोक्साप्राप इथाइल के 100-120/हैक्टये र का छिड़काव करंे।
3.अगर चैड़ी पत्ती वाले एवं सकरी पत्ती वाल े खरपतवारो का मिश्रित प्रकोप हो तो गंेहूॅ की फसल मंे सल्फोसल्फयरू ाॅन ़ मेटसल्फयूराॅन के 32 ग्रा0 का छिड़काव 500-600 ली0 पानी मंे घोलकर बुवाई से 25-30 दिन मं े कर।े
4.जनवरी माह मं े गहे ूँ की बुवाई न करंे क्यांेकि जनवरी माह मंे गेहूँ की बुवाई करने पर 60-65 कि0ग्रा0/है0/दिन की दर से कमी आती है तथा फसल पकन े के समय गर्म हवा चलने से गेहूँ के दाने बहुत ही पतले हो जाते है।
5.खेत मंे खड़े गहे ूँ की फसल मंे पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद ताजा मूल जड़ अवस्था पर तथा दूसरी सिंचाई 40-45 दिन की अवस्था पर कल्ले निकलते समय करें।
6.सरसों मंे पत्ती धब्बा रोग के नियत्रण्ं ा हेतु मैन्कोजेब का 2.5 ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर।े