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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-06-26 06:10:22

विभिन्न फसलों में बिमारियों से रोकथाम ऐसे करें

उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 

 भावर एवं तराई में सोंयाबीन बोने का उपयुक्त समय जुून के अन्तिम सप्ताह जुलाई प्रथम सप्ताह तक है। बीज दर 75 किग्रा0/है0 रखे। बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करे। उन्नत प्रजातियों PS-1024, PS-1042, PS- 1092, PS-1241, PS-1347, PS-1225, PS-19 आदि का प्रयोग करे। सोयाबीन की बुवाई 14-60 से0मी0 पर लाइनो में 3-4 से0मी0 गहराई पर करे। बुवाई के समय 20 kg N2 60 kg P2O5 and 40 kg/Ha पोटाश/है0 का प्रयोग करे।

 मक्का में जहाॅ तना बेधक का प्रकोप होता है। बुवाई के समय कार्बोफयूराॅन 3सी0जी0 33 किग्रा0/है0 की दर से मृदा मे डालें।

 धान की नर्सरी डाले।

 धान की प्रजातियो मे मिलावट न हो, इसके लिए पौधशाला उन खेतों मे बनाए जहाॅ पिछले वर्ष धान नहीं लगाया गया था तथा उस जगह धान की गुड़ाई/मढा़ ई नहीं किया गया हांे।

 नर्सरी हेतु प्रमाणित बीज अथवा स्वस्थ स्वंय उत्पादित बीज उपचार के बाद प्रयोग करना चाहिए।

 बासमती तथा सुगधिंत धान की किस्मो जैसे- टाइप-3, तरावड़ी बासमती, पूसा बासमती-1, पंत सुगंध धान-17, 21, पी0 आर0 एच0 10 आदि की पौध 30 जून तक अवश्य डालें।

 मूुगफली की उन्नतशील प्रजातियों- टा0 64, चन्द्रा, कौशल, प्रकाश, अम्बर आदि की बुवाई जून के दूसरे पखवाड़े में करे। बीज दर 60-70 कि0 ग्रा0/है0 रखंे तथा 30-45 सेमी0 की दूरी पर बने लाइनो मंे बुवाई करे।उर्वरको मं े नत्रजन 20 किग्रा0 P2O5 40 किग्रा0 और 45 किग्रा0 पोटाश/है0 तथा 200 किग्रा0 जिप्सम तथा 4 किग्रा0 बोरेक्स का प्रयोग करे।

 लोबिया व फ्रासबीन मे जड़ एवं तना गलन रोग की रोकथाम हेतु कार्बन्डाजिम 1 ग्राम/ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करे।

 गन्ना में काला बग का प्रकोप हो तो क्लारपाइरीफाॅस 20 ई0 सी0 के 2.0 ली0 /है0 या फेन्थोएट 50 ई0 सी0 के 1.0 ली0/है0 या क्यनू सलफाॅस 25 ई0 सी0 के 2.0 ली0 को 500 ली0 पानी मंे घोल कर छिड़काव करे।