क्या आप पशुओं के इस जानलेवा बुखारा के बारे में जानते हैं?
आजकल पशु को जब कई बार तेज बुखार तीन से चार दिन लगातार रहता है तो पशु तकलीफ मानने लग जाता है और लंगड़ाकर चलता है और गांव में इस समस्या को लंगड़ा बुखार कह दिया जाता है पर वास्तव में लंगड़े बुखार से आंखे लाल हो जाती हैं और ज्यादा बुखार के कारण पशु बेचैन रहता है और पशु बैठता भी नहीं है पशु की टांगों पर जिस स्थान पर जख्म होता है वहां हवा सी भरी जाती है और वह जगह नर्म हो जाती है और जब दबाते हैं तो चिरड़ चिरड़ की आवाज आती है यह वायरस रोग ही है और ज्यादातर रहता है 2—3 दिन तक होता है और ज्यादा होने के कारण मौत भी हो सकती है। बाकी ज्यादातर 6 महीनों से 1 साल के कटड़े/बछड़े को या फिर ज्यादा कमज़ोर बच्चों को होता है।
रोकथाम
इसका कोई पक्का इलाज नहीं है। 6 महीनों के बाद इसकी वैक्सीन नज़दीक के सरकारी पशु हस्पताल से ज़रूर करवा लें। बाकी यदि इस तरह के लक्षण पशु में दिखाई दें तो आप तुरंत लोकल डॉक्टर को ज़रूर बुलायें क्योंकि एंटीबायोटिक इंजैक्शन से कुछ हद तक इसका असर बढ़ने से रोका जा सकता है।