Expert Advisory Details

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Posted by GKMS,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
Punjab
2020-10-27 11:41:40

किसानों के लिए फसलों से संबंधित परामर्श

शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान अगात धान एवं मक्का की तैयार फसलों की कटाई के बाद धान की फसल को 2 से 3 दिनों तक खेत में सूखने के लिए रहने दें एवं उसके बाद धान की झड़ाई करें। खड़ी फसलों में कीट-व्याधि का निरीक्षण करते रहें। 

फसलों से संबंधित परामर्श-

  • आलू, मक्का, चना, मटर, राजमा, मेथी एवं लहसुन फसलों के समय से बुआई के लिए खेतों की तैयारी करें। गोबर की सदी खाद 150 से 200 किवंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पुरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेरकर एवं जुताई कर मिला दें। खेतों में अंकुरण के लायक नमी बनाये रखने के लिए खाली खेतों की प्रत्येक जुताई के बाद पाटा अवष्य चला दें।
  • धनियाँ की बुआई करें। राजेंदर स्वाती, पंत हरितिमा, कुमारगंज सेलेक्शन, हिसार आनंद धनियाँ की अनुसंचित किस्में है। पंक्ति में लगाने पर बीज दर 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दुरी 30*20 सेंटीमीटर रखें। 2.5 ग्राम बेविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज को उपचारित करें। अच्छे जमाव के लिए बीज को दरककर दो भागों में विभाजित कर बुआई करें। 
  • सरसों एवं राई की बुआई करें। सरसों के लिए उन्नत प्रभेद 66-197-3, राजेंद्र सरसों-1 तथा स्वर्ण एवं राई के लिए किस्में वरुणा, पूसा वोल्ड, क्रांति एवं पूसा महक क्षेत्र के लिए अनुसंषित है। बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बुआई 30*10 सेंटीमीटर पर कतार में करें। बुआई के समय खेत की जुताई में 30 से 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर, 40 किलोग्राम पोटाश एवं 30 से 40 किलोग्राम गंधक प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।