Posted by CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
Punjab
2020-12-31 16:22:04
आने वाले पांच दिनों के लिए टमाटर, फूलगोभी, मटर और आलू से संबंधित परामर्श
टमाटर- सब्जियों में फल छेदक, शीर्ष छेदक की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच @ 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पिनोसेड दवाई 1.0 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। मिर्च के खेत में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर ज़मीन में गाड़ दें । उसके उपरांत अनुमोदित दवाई का इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
फूलगोभी- फूलगोभी के खेतों को खरपतवार रहत रखें।ब्रोकली, पिछेती फूलगोभी, बंदगोभी तथा टमाटर में निराई गुड़ाई करें। फूलगोभी व पत्तगोभी में फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं डायमंड बेक मोथ की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच @ 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पिनोसेड दवाई 1.0 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
मटर- मटर में फल छेदक की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रमंश @ 3 से 4 प्रति एकड़ खेतों में लगाएं मटर की फसल पर यूरिया या पोटाशियम सल्फेट 2 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करें, जिससे मटर की फलियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है साथ ही फसल का पाले से भी बचाव होता है।प्रदेश के निचले क्षेत्रों में जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की बिजाई करें। जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की निराई गुड़ाई करें और खरपतवार रहत रखें।
आलू- आलू के पौधों की ऊंचाई यदि 15 से 22 सेंटीमीटर हो जाए तब उनमें मिट्टी चढ़ाने का कार्य जरूरी है अथवा बुवाई के 30 से 35 दिन बाद मिट्टी चढ़ाई का कार्य सम्पन्न करें निराई गुड़ाई करें तथा खरपतवार निकाल दें।