Posted by Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
Punjab
2020-12-18 13:39:43
आने वाले दिनों में टमाटर, लहसुन, प्याज और आलू से संबंधित परामर्श
टमाटर- टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी करें।इसके पिल्लू फल में घुसकर अंदर से खाकर पूरी तरह फल को नष्ट कर देते हैं, जिससे प्रभावित फलों की बढ़वार रुक जाती है और वे खाने लायक नहीं रहते, पूरी फसल बरबाद हो जाती है। फल छेदक कीट से बचाव हेतु खेतों में पक्षी बसेरा लगायें। कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सर्वप्रथम कीट से क्षतिग्रस्त फलों की तुराई कर नष्ट कर दें एवं उसके बाद स्पिनोसेड 48 EC / प्रति 1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। सब्जियों वाली फसल में निकौनी करें।
लहसुन- लहसुन की फसल में निराई-गुड़ाई कर नेत्रजन उर्वरक का प्रयोग करें। सब्जियों में निराई-गुड़ाई करें। कीट-व्याधी की निगरानी करें।
प्याज- प्याज के 50-55 दिनों के तैयार पौध की रोपाई करे। इसके लिए खेत को समतल कर छोटी-छोटी क्यारियाँ बनाएं। क्यारियों का आकार, चैड़ाई 1.5 से 2.0 मीटर तथा लंबाई सुविधानुसार 3-5 मीटर रखे। प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकासी के लिए नाले अवष्य बनाएं।पाँक्ति से पाँक्ति की दुरी सेंटीमीटर, पौध से पौध की दुरी 10 सेंटीमीटर पर रोपाई करे। खेत की तैयारी में 15 से 20 टन गोबर की खाद, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 80 किलोग्राम फॉसफोरस, 80 किलोग्राम पोटाश तथा 40 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर का व्यवहार करें।पिछात प्याज की पौधषाला से खरपतवार निकाल कर हल्की सिंचाई करें।
आलू- आलू की फसल में निकौनी करें। निकौनी के बाद प्रति हेक्टेयर 75 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का प्रयोग कर आलू में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें।आलू में कीट-व्याधी की निगरानी करें।