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Posted by GB Pant University
Punjab
2018-09-29 13:06:35

पशुओं की इस तरीके से करें देखभाल

उधम सिंह नगर, उत्तराखंड

 प्रसव के तुरन्त बाद नवजात बच्चे की साफ-सफाई कर उसकी नाभी को धागे से बांधकर किसी साफ चाकू या ब्लेड से काटकर उस पर जैन्सन वायलेट पेन्ट अथवा टिंचर आयोडीन लगाना चाहिए। 

 पशुओं के लिए हरे चारे में दलहनी चारा सर्वोत्तम आहार है जो पशुओं के जीवन यापन के साथ-साथ उत्पादन में भी सहायक होता है। अतः पशुपालकों से निवेदन है कि पशुओं को स्वस्थ रखने व अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु सर्वोत्तम दलहनी चारा (बरसीम) अवश्य बोयें क्योंकि 5 कि0ग्रा0 बरसीम (हरा चारा), 1 किलो ग्राम सान्द्र आहार के बराबर होता है।

 इस महीने पशुओं खासकर भैंसों में प्रसव की दर बढ़ जाती है। अतः जो पशु ज्ञामन है उनको अन्य पशुओ से अलग कर थोड़ी मात्रा में कई बार अतिरिक्त पूरक आहार दें अन्यथा उन्हें आफरा (पेट फूलना) की समस्या हो सकती है।

 प्रसव के 2 घंटे के भीतर नवजात की अच्छे से सफाई करने के उपरान्त उसकेा निश्चित रूप से थोड़ी मात्रा (1/2 - 1 कि0ग्रा0) खीस पिला दें।

 पशुओं को हरा चारा कम मात्रा में दें तथा हरे चारे में सूखा चारा मिलाकर दंे

 जिन पशुओं में एफ0एम0डी0 (मुखपका खुरपका) रोग के टीके नही लगंे है उन पशुओं में तत्काल टीकाकरण करा लें। ताकि आपका पशुधन स्वस्थ रहे और उस से सही उत्पादन प्राप्त हो सके।