Posted by CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
Punjab
2021-01-07 12:39:00
आने वाले पांच दिनों के लिए टमाटर, फूलगोभी, मटर और आलू से संबंधित परामर्श
सब्जियों में पंक्तियों के बीच खाली जगह पर घास फूस आदि का मलच या विछोना बना कर डालने से पैदावार में बड़ोतरी होती है, किसान भाई सब्जियों की निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को हटाएं। 15 से 25 दिन की सब्जियों में नत्रजन बची हुई मात्रा का छिड़काव करें।
टमाटर- सब्जियों (टमाटर, मिर्च, बैंगन) में फल छेदक, शीर्ष छेदक की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पिनोसेड दवाई 1.0 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। मिर्च के खेत में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर ज़मीन में गाड़ दें। उसके उपरांत अनुमोदित दवाई का इमिडाक्लोप्रिड 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
फूलगोभी- फूलगोभी के खेतों को खरपतवार रहत रखें।ब्रोकली, पिछेती फूलगोभी, बंदगोभी तथा टमाटर में निराई गुड़ाई करें। फूलगोभी व पत्तगोभी में फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं डायमंड बेक मोथ की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पिनोसेड दवाई 1.0 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
मटर- मटर में फल छेदक की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच 3 से 4 प्रति एकड़ खेतों में लगाएं मटर की फसल पर यूरिया या पोटाशियम सल्फेट 2 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करें, जिससे मटर की फलियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है साथ ही फसल का पाले से भी बचाव होता है।प्रदेश के निचले क्षेत्रों में जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की बिजाई करें। जड़दार सब्जियों जैसे मूली, शलगम, गाजर, पालक की सुधरी प्रजातियां की निराई गुड़ाई करें और खरपतवार रहत रखें।
आलू- निचले क्षेत्रों में हवा में अधिक नमी के कारण आलू में झुलसा रोग आने की संभावना दिखाई देने पर कार्बेंडाज़िम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या डाइथेन एम 45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिलाकर छिड़काव इस तरह से करे कि पौधा पूरा भीग जाए।आलू की फसल में वर्षा के बाद उर्वरक की मात्रा डालें, निराई-गुड़ाई करें तथा खरपतवार निकाल दें।