Expert Advisory Details

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Posted by CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
Punjab
2021-01-07 12:14:30

आने वाले पांच दिनों के लिए गेहूं, दलहनी, सरसों और चारे से संबंधित परामर्श

गेहूं- गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार के 2 से 3 पत्ती अवस्था में अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें। गेहूं की रतुआ संवेदनशील अगेती बुवाई किस्मों में पीला रतुआ बीमारी के लक्षण जैसे गेहूं के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे दाने सीधी धारियों में प्रकट हों व दूसरी ओर पत्तों में पीलापन दिखाई दे तो अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें व 15 दिन के अंतराल पर दोहराएं। गेहूं की फसल में यदि दीमक का प्रकोप दिखाई दे तो बचाव हेतु किसान भाई क्लोरपायरीफॉस 20 ई सी 2.0 लीटर प्रति एकड़ सिंचाई के साथ दें। 

दलहनी- दलहनी फसलों में निराई-गुड़ाई करने का समय है। चने की फसल में फली छेदक सुंडी के प्रकोप के प्रति सावधान रहें तथा हरे रंग की सुंडी फसल पर प्रकट होते ही साइपरमैथरीन 30 मिलीलीटर प्रति 30 लीटर पानी प्रति कनाल का प्रयोग करें। मसुर खरपतवार नियंत्रण करें। चने में झुलसा रोग से बचाव के लिए बीज का डाईथेन M-45 (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचार करें और मसूर बिजाई वाले खेतों को खरपतवार रहत रखें। 

सरसों- सरसों में चेपा तथा पेंटेड बग कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। सरसों में चेपा को काट कर नष्ट करके रोगर या क्विनलफॉस 2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।किसानों को सापेक्ष आद्रता को ध्यान में रखते हुए सफेद रतुआ पेटेंड/चित्रित बग और एफिड हमले के खिलाफ सरसों की फसल की निगरानी के लिए सलाह दी जाती है, यदि सफेद रतुआ का संक्रमण अधिक है तो Dithane M-45 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के छिड़काव की सलाह दी जाती है।तोरिया के खेत को खरपतवार रहत रखें।

अनाज भंडारण- भंडारित अनाज की जांच करें तथा कीट नज़र आए तो सल्फास गोलियां 3 गोली प्रति टन अनाज की दर से प्रयोग करें तथा ढाँचे को अच्छी तरह से सील कर दें।

चारा- जई तथा बरसीम की बुवाई की फसलों में खरपतवार नियंत्रण करें। पहली कटाई के दौरान चारे के पौष्टिक उत्पादन के लिए गोभी सरसों के बीज जोड़ें। बरसीम की चाईनीज़ सरसों की खेती करना लाभदायक है अगर खेत में पहली बार बिजाई की जा रही है तो राइजोवियम कल्चर से टीकाकरण/बीज उपचार करें।