Expert Advisory Details

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Posted by Gramin Krishi Mausam Sewa,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
Punjab
2020-12-08 12:30:56

बैंगन- सब्जियों वाली फसल में निकोनी एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। बैंगन की फसल में तना एवं फल छेदक कीट की निगरानी करें। बचाव हेतु ग्रसित तना एवं फलो को इकठा कर नष्ट कर दें, यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 EC 1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। बैंगन की फसल में तना एवं फल छेदक कीट की निगरानी करें। कीट से बचाव हेतु ग्रसित तना एवं फलो को इकट्ठा कर नष्ट कर दें, यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 EC 1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करे।

प्याज- रबी प्याज की रोपाई के लिए खेत की तैयारी करे। खेत की जुताई में 15 से 20 टन गोबर की खाद, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 80 किलोग्राम फाॅंसफोरस, 80 किलोग्राम पोटाश तथा 40 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर का व्यवहार करें। जिन किसानों का प्याज का पौध 50-55 दिनों का हो गया हो वें छोटी-छोटी क्यारीयाँ बनाकर पाँक्ति से पाँक्ति की दूरी 15 सेंटीमीटर,पौध से पौध की दूरी 10 सेंटीमीटर पर रोपाई करें। क्यारीयों का आकार, चौड़ाई 1.5 से 2.0 मीटर तथा लंबाई सुविधानुसार 3-5 मीटर रखे। पिछात प्याज की पौधषाला से प्रत्येक 10 से 12 दिनों के अन्तराल में खरपतवार निकाल कर हल्की सिंचाई करें।

लहसुन- लहसुन की फसल में निकाई-गुराई करें तथा कम अवधि के अन्तराल में नियमित रुप से सिंचाई करें। लहसुन में कीट-व्याधी की निगरानी करें।

आलू- आलू की रोपाई प्राथमिकता देकर पूरा करने का प्रयास करें। जिन किसानों के खेतों में आलू के पौधों की उॅचाई 15-20 सेंटीमीटर हो गयी हो उन्हें आलू में निकौनी कर मिट्टी चढ़ाने एवं सिंचाई की सलाह दी जाती है।