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Posted by Bharat Mausam Samachar Kendra
Punjab
2018-11-22 10:33:26

महीने के आखिर तक मैदानों में पैर जमा लेगी ठंड

पहाड़ों पर एक के बाद एक पश्‍चिमी विक्षोभ से बारिश और बर्फबारी से मैदानों का मौसम तेजी से बदलने जा रहा है। महीने के आखिर तक मैदानों में ठंड पूरी तरह से पैर जमा लेगी। दिन का पारा तेजी से गिरेगा और रात का तापमान दस डिग्री सेल्‍सियस से नीचे चला जाएगा। दिसंबर की शुरुआत कडाके की ठंड से होने के आसार है। हालांकि इससे पहले मैदानों में सुबह के वक्‍त कोहरा भी दस्‍तक दे सकता है।

मैदानों में यह बदलाव पहाड़ों पर तेजी से बदल रहे मौसम की वजह से होने जा रहा है। दरअसल, पहाड़ों पर लगातार पश्‍चिमी विक्षोभ सक्रिय हैं। पूरे हिमालयी क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी हो रही है। चूंकि लगातार पश्‍चिमी विक्षोभ सक्रिय हैं ऐसे में मैदानों में ठंडी और शुष्‍क उत्‍तर-पश्‍चिमी हवाएं लंबे समय तक नहीं चल पा रही। 48 घंटे से जारी ये हवाएं आज फिर से कुछ समय के लिए बदल जाएंगी। निजी एजेंसी स्‍काईमेट के अनुसार पहाड़ों पर आज से एक कमजोर पश्‍चिमी विक्षोभ पहुंचेगा। इसका असर लंबे समय तक नहीं रहेगा। ऐसे में आज हवाओं का रुख बदलकर दक्षिणी-पूर्वी हो सकता है। इससे प्रदूषण में इजाफा होगा, लेकिन कल से हवाओं का रुख फिर से बदलेगा और ये उत्‍तर-पश्‍चिमी हो जाएंगी। एजेंसी के अनुसार इसके बाद एक हफ्ते तक मैदानों में ठंडी और शुष्‍क हवाओं का प्रवाह जारी रहेगा। ये हवाएं मैदानों का पारा गिराएंगी। 27 नवंबर को पहाड़ों पर फिर से सशक्‍त पश्‍चिमी विक्षोभ पहुंचने जा रहा है जिससे पूरे क्षेत्र में भारी बारिश और बर्फबारी होगी। इसके बाद जैसे ही यह विक्षोभ कमजोर होगा, पहाड़ों से ठंडी हवा मैदानों का रुख करेंगी। एजेंसी के अनुसार इस महीने के आखिर तक मैदानों में ठंड पूरी तरह से आ जाएगी। इस दौरान दिन का तापमान 20-23 डिग्री सेल्‍सियस तक भी जा सकता है। वहीं, बुधवार को मेरठ का अधिकतम तापमान 27.5 और रात का 12.9 डिग्री सेल्‍सियस रिकॉर्ड हुआ। दिन का तापमान सामान्‍य से एक डिग्री कम जबकि रात का एक डिग्री अधिक बना हुआ है।

हवा की गुणवत्‍ता अभी खराबमेरठ। मैदानों में शुष्‍क और ठंडी हवा चलने के बावजूद प्रदूषण का स्‍तर अभी मानकों से ऊपर बना हुआ है। एयर पाल्‍युशन एपीआई डॉट कॉम के अनुसार बुधवार को मेरठ का वायु गुणवत्‍ता सूचकांक 350 दर्ज हुआ जो मानकों से करीब तीन गुना है। पीएम-2.5 का सूचनांक 254 रिकॉर्ड हुआ जो मानकों से छह गुना है। मैदानों में तेज हवा अथवा बारिश ही इस प्रदूषण से पूरी तरह से राहत दिला सकती है, लेकिन हाल-फिलहाल में मैदानों में बारिश की उम्‍मीद नहीं है।