जानिये क्या है गायों में शुष्क काल या ड्राई पीरियड,भाग-3
पिछले भाग में आपने गायों की शारीरिक अवस्था सूचकांक का निर्धारण और उसके महत्तव के बारे में जाना, आज हम आपको गायों को ड्राई करने की विधि के बारे में बतायेंगे
जानिये कैसे करें गायों को ड्राई
• यदि ड्राई करते समय गाय 10 लीटर से अधिक दूध दे रही है तो इसके आहार में धीरे - धीरे 25 प्रतिशत की कमी करें।
• दाना खिलाना बंद कर दें ताकि दुग्ध कोशिकाओं द्वारा हो रहे दूध उत्पादन में कमी लायी जा सके।
• गायों का पूरा दूध निकालें। क्योंकि कम दूध निकालने से थनैला रोग होने की संभावना होती है।
• ड्राई करते समय पूरा दूध निकालकर चारों थनों को आयडोफोर के घोल में डुबोयें ताकि ये कीटाणु मुक्त हो जाये।
• प्रत्येक थन में दूध सुखाने के लिए उपयुक्त एंटीबायोटिक दवा भरकर इसे दोबारा कीटाणु नाशक घोल में डुबोयें। यह प्रक्रिया पशु चिकित्सक की देख रेख में गाय के ब्याने की अनुमानित तिथि तक जारी रहनी चाहिए।
• गायों को बैठने हेतु साफ सुथरा स्थान देना चाहिए ताकि थनैला संक्रमण को रोका जा सके।
जानिये कैसा होना चाहिए शुष्क काल में गायों का स्वास्थ्य
• शुष्क काल के दौरान टीकाकरण तथा परजीवियों से विशेष बचाव की आवश्यकता होती है,
• शुष्क काल में एंटीबायोटिक उपचार करने से पशुओं को बहुत कम तनाव होता है तथा दुग्ध उत्पादन में कमी की संभावना नहीं रहती।
• प्रसव काल के आस पास टीकाकरण करने से पशु के शरीर में प्रति जीवी पदार्थ बनते हैं जो इसे रोगों से बचाने में सहायक होते हैं। गाय की खीस में पाये जाने वाले प्रतिजीवी पदार्थ इनके बछड़ों को रोगों से दूर रखते हैं
• इस समय में परजीवी नाशक उपयोग में लाने का बड़ा लाभ यह है कि गाय दूध नहीं दे रही होती जिससे हानिकारक दवा के रसायन दूध में प्रवेश नहीं कर पाते।
• इन दिनों गायों को चलने फिरने का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए ताकि वे पूरी तरह स्वस्थ रहें।