Posted by ICAR- Indian Agricultural Research Institute
Punjab
2021-05-13 11:02:16
सनई, चारा, कपास और अरहर की फसलों से संबंधित परामर्श
कोरोना (कोविड़-19) के गंभीर फैलाव को देखते हुए किसानों को सलाह है कि तैयार फसलों की कटाई तथा अन्य कृषि कार्यों के दौरान भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग, साबुन से उचित अंतराल पर हाथ धोना तथा एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाये रखने पर विशेष ध्यान दें।
तापमान को ध्यान में रखते हुए सभी सब्जियों तथा खड़ी फसलों में आवश्कतानुसार हल्की सिंचाई करें। सिंचाई सुबह या शाम के समय ही करें।
सनई- ग्रीष्मकालीन हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा, ग्वार, लोबिया, मूंग आदि की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60-70 और ढैंचा की 50-60 कि.ग्रा./हैक्टर। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।
चारा- ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 से.मी. गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. रखें।
कपास और अरहर- किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदे।