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Posted by Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
Punjab
2021-06-30 12:43:00

धान की खेती करने वाले किसानों के लिए परामर्श

धान- पिछले दिनों में उत्तर बिहार के जिलों में वर्षा हुई है। वर्षा जल का लाभ उठाते हुए जिन किसानों के पास धान का बिछड़ा तैयार हो वे नीची तथा मघ्यम जमीन में रोपनी करें। धान की रोपाई के समय उर्वरकों का व्यवहार सदैव मिट्टी जाँच   आधार पर करें। यदि मिट्टी जाँच नहीं हुई है तो मध्यम एवं लम्बी अवधि की किस्मों के लिए 30 किलोग्राम नत्रजन, 60 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटाश के साथ 25 किलोगाम जिंक सल्फेट या 15 किलोगा्रम प्रति हेक्टर चिलेटेड जिंक का व्यवहार करें। जो किसान भाई धान का बिछड़ा अब तक नहीं गिराये है, नर्सरी गिराने का कार्य 8 जुलाई तक सम्पन्न अवश्य कर लें। धान की अगात किस्में जैसे-प्रभात, धनलक्ष्मी, रिछारिया, साकेत-4,राजेन्द्र भगवती एवं राजेन्द्र नीलम उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800-1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिराएं। नर्सरी में क्यारी की चैड़ाई 1.25-1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधानुसार रखें। बीज को बाविस्टिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से मिलाकर बीजोपचार करें।