चना और जौ की खेती करने वाले किसानों के लिए परामर्श
चना- चने को हरी सुंडी के प्रकोप से बचाने के लिए नीम सीड करनैल शत् 5 प्रतिशत या एन.पी.वी. का 112 लटों के ससमतुल्य 1 बीघा की दर से छिडकाव करें या indoxacarb 14.5 SC 1 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी या Emamectin Benzoate 5 SG की 0.5 ग्राम या Spinosad 45 SC की 0.33 मिलीलीटर या Chlorotronilipril 18.5 sc की 0.28 मिलीलीटर मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
चने की खड़ी फसल में zinc sulfate 33 प्रतिशत 300 ग्राम तथा यूरिया 1.5 किलोग्राम 100 लीटर पानी में मिलाकर फलियां बनते समय छिड़काव अवश्य करें।
जौ- जौ की फसल में चेपा का प्रकोप दिखाई देने पर नीम तेल 300 पीपीएम 5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
तीसरी सिंचाई बुवाई के 100-110 दिन बाद करें।
ध्यान रहे कि फूल आने व दाने की दूधिया अवस्था में पानी की कमी रहने पर पैदावार पर प्रभाव पड़ता है।