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मनिंदरजीत कौर

(ट्रेनिंग)

कैसे एक महिला की प्रतिभा ने उसे एक सफल उद्यमी एवं सफल उद्योगपति बना दिया

यह कहा जाता है कि यदि आप में कुछ करने का जुनून हो तो वह ज़रूर संभव होता है। ऐसी एक महिला है जिन्होंने अपने जुनून का पीछा किया और आज वे सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला रही हैं।

मनिंदरजीत कौर- एक साधारण महिला है जो कि अपने बचपन में कलात्मक हैंडवर्क को देखकर प्रभावित होती थी और बाद में किशोरावस्था में सिलाई, कढ़ाई उनके शौंक बन गए। रचनात्मकता के लिए उनका जुनून और शौंक इतना बढ़ गया, उन्हें लगा कि अपने इस शौंक को पेशेवर ढंग से सीखना चाहिए। अंतत: उन्होंने 10वीं कक्षा के बाद सिलाई में डिप्लोमा किया।

शादी के बाद आमतौर पर महिलायें अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताने, पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालने और अपने बच्चों के साथ समय बिताने के बारे में सोचती हैं, लेकिन मनिंदरजीत कौर ऐसी नहीं थी। ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया अपितु उसके साथ अपने शौंक को भी समान महत्तव दिया। वर्तमान में वे जीरकपुर में अपने परिवार के साथ खुशी से रह रही हैं और अपने व्यवसाय को चला रही हैं।

बीस साल पहले मनिंदरजीत कौर ने मनिंदर सिलाई केंद्र की शुरूआत की और बाद में अपने व्यवसाय को कोहिनूर नामक लेबल दिया जो आज कल बहुत ही व्यवसाय कम वर्क शॉप के नाम से जाना जाता है और कुछ बड़ा करने के लिए छोटे से ही शुरूआत करनी पड़ती है। मनिंदरजीत कौर ने अपने घर में कुछ लड़कियों को सिलाई और कढ़ाई सिखाना शुरू किया। जल्द ही उन्हें अपने इलाके में प्रसिद्धि मिली और कई महिलाएं और लड़कियां उनके पास सिलाई, कढ़ाई सीखने आने लगी। आखिरकार उनकी डिग्री प्रयोग में आई। उन्होंने एक जगह किराये पर ली जहां पर सिलाई क्लासिज़ शुरू की। वे अपने छात्रों को डिज़ाइनर सूट, चादरें, तकिया कवर, रसोई के कपड़े बैग, ग्रोसरी शॉपिंग बैग, मैट्स और कई अन्य चीजें सिखाते हैं। आज उनके पास कुल 60 लड़कियां है, उनमें से कुछ शिक्षक हैं और बाकी छात्र अभी सीख रहे हैं।

उनके सिलाई केंद्र में 15 सिलाई मशीन हैं। वे 10 विषयों को सिखाती हैं- जैसे सिलाई, फैशन सिलाई, रजाई बनाना, बेड शीट बनाना, पेंटिंग, कढ़ाई (मशीन/हस्तनिर्मित दोनों), खाना पकाना और विभिन्न प्रकार के बैगों की सिलाई सिखाती हैं। उनका सिलाई केंद्र और क्लासिज़ इतनी लोकप्रिय हैं कि जो महिलायें शिक्षित, डॉक्टर, इंजीनियर और नर्स हैं वे भी अपने व्यस्त कामों से समय निकालकर उनसे सीखने आती हैं। आमतौर पर वे सिलाई विषय के लिए 500 रूपये और पेंटिंग विषय के लिए 1000 रूपये लेती हैं लेकिन कई बार वे लड़कियों और महिलायें जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती और कोर्स की फीस देने के लिए उनके पर्याप्त धन नहीं होता, उनसे फीस नहीं लेती। इसके अलावा वे अपनी ओर से सिलाई की सामग्री प्रदान करती हैं ताकि वे इस विषय को सीख सकें और स्वंय के लिए कमा सकें।

शुरूआत में जब उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया तब उनके काम की गुणवत्ता ने अच्छे ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित किया। चंडीगढ़ में एक दुकान है VIVCO जिससे उन्होंने भागीदारी की। वे VIVCO से थोक में कपड़े खरीदती थी, उन्हें धो लेती थी, बैड शीट, तकिये के कवर, बैग, सूट जैसे चीज़ें वे अपनी वर्कशॉप में बनाती थी और उन सभी उत्पादों को VIVCO में भेजती थी ताकि वे इसे बाज़ार में आगे बेच सकें। इस पूरी प्रक्रिया से उन्हें अपने व्यवसाय में बहुत अच्छा लाभ होता था लेकिन लगभग 3 साल पहले 2014 में VIVCO ने व्यवसाय बंद कर दिया, जिससे मनिंदरजीत कौर का व्यवसाय गंभीर रूप से प्रभावित हुआ, तब से वे अपने कारोबार को सुचारू रूप से चलाने में बाधाओं का सामना कर रही हैं क्योंकि उनके पास अपनी वर्कशॉप में बनाए गए उत्पादों को बेचने के लिए उचित मंच नहीं है। इन सभी बाधाओं के बावजूद उन्होंने कभी खुद को निरउत्साहित नहीं किया और आज जब भी उन्हें कोई मौका मिलता है वे सक्रिय रूप में उसमें भाग लेती हैं और अपना 100 प्रतिशत देती हैं।

इस समय उनकी उम्र 65 वर्ष है लेकिन फिर भी उनके अंदर का जुनून अभी तक कम नहीं हुआ है। वह अभी भी पूरे जोश और उत्साह से अपने छात्रों को सिखाती हैं। उनके अनुसार वे अभी भी आगे बढ़ रही हैं और सीख रही हैं जो उन्हें व्यवसाय में ओर अधिक उत्पाद जोड़ने में मदद करता है। वे अपने ब्रांड को लोकप्रिय बनाने और अधिक ग्राहकों को जोड़ने के लिए हर प्रकार की प्रदर्शनी और इवेंट में जाती हैं।

मनिंदरजीत कौर किशोरावस्था से ही सिलाई और कढ़ाई कर रही हैं लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह उनके लिए किसी दिन पूर्ण व्यापार में बदल जाएगा। वे सफलता के लिए अपने तरीके से काम कर रही हैं और उन्होंने जो भी अपनी पहचान कमाई है इसका कारण उनका अपने काम के प्रति रूचि को जारी रखना है। अब वे सिर्फ अपनी आमदनी को सुधारने में ध्यान दे रही हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सके और अपने व्यवसाय को अधिक ऊंचाइयों तक लेकर जा सके।

मनिंदरजीत कौर द्वारा दिया गया संदेश
एक महिला को अन्य कारणों से अपने गुणों और रूचि को दबाना नहीं चाहिए क्योंकि इन गुणों और रूचि के कारण ही उन्हें मुश्किल समय में आजीविका प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके अलावा अगर आप कोई अतिरिक्त गुण सीखते हैं तो उसकी कोई हानि नहीं होती बल्कि भविष्य में कभी ना कभी वो गुण हमारे लिए काम आ ही जाता है और कभी भी आपको कोई अवसर मिले तो उसे गवाना नहीं चाहिए, बल्कि हमेशा उसका लाभ उठाना चाहिए।”