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जपिंदर वधावन

(फार्म मशीनरी)

खेती मशीनरी में तेजी से छा रहा नौजवान इंजीनियर — जपिंदर वधावन

कहा जाता है कि यदि किसी काम को करने का पक्का निश्चय कर लिया जाए तो फिर सफलता पीछे — पीछे भागती है और इसी कहावत को सच कर दिखाया है एक नौजवान इंजीनियर ने जिसका नाम है जपिंदर वधावन।

जपिंदर जी ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को खेती के क्षेत्र से जोड़ा, क्योंकि किसान और खेती का समाज में बहुत बड़ा योगदान है। खेती के लिए मशीन की आवश्यकता भी समय समय पर बदलती रहती है। नई मशीनरी से फसल बोने से लेकर प्रोसेसिंग तक के सभी काम आसानी से और कम समय में हो जाते हैं। पर इन महंगी मशीनों को खरीदना हर किसान के बस में नहीं होता। किसानों की इस मुश्किल को समझा, नौजवान इंजीनियर जपिंदर वधावन ने, जिन्हें “रफ्तार इंजीनियर” के नाम से भी जाना जाता है। मोहाली के रहने वाले इस नौजवान इंजीनियर का नाम, कम पैसे में और किसान की आवश्यकता और मांग के अनुसार मशीनें तैयार करने के लिए अलग तौर पर प्रसिद्ध है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले जपिंदर वधावन पहले खेती क्षेत्र के बारे में बिल्कुल अनजान थे। उन्होंने पहले असिस्टेंट प्रोफेसर और मेंटेनेंस इंजीनियर के तौर पर नौकरी की। अचानक ही किस्मत से उन्हें दिल्ली में हुए मेक इन इंडिया इवेंट में जाने का अवसर मिला और इस इवेंट में उनकी मुलाकात एक किसान सरदार हरपाल सिंह गरेवाल जी से हुई जो वहां पर रोटावेटर लेने के लिए आए थे। जपिंदर जी ने उनकी आवश्यकता को समझते हुए उन्हें 10 फुट रोटावेटर तैयार करके देने का वादा कर दिया। हरपाल जी ने मशीन तैयार करने के लिए जपिंदर के बैंक अकाउंट में 40000 रूपए भी डलवा दिए। पर जपिंदर ने कभी भी इस तरह की कोई मशीन तैयार नहीं की थी, पर वे अपना किया हुआ वादा तोड़ना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए रोटावेटर तैयार करना शुरू कर दिया। अपनी मेहनत से उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक महीने में ही रोटावेटर तैयार कर दिया। जपिंदर की यह पहली कोशिश ही सफल रही और उन्हें किसानों की तरफ से काफी प्रोत्साहन भी मिला। इसके बाद जपिंदर ने अपने खाली समय में किसानों से मिलना और उन्हें प्रोसेसिंग के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीनरी संबंधी पेश आती मुश्किलों के बारे में जानना शुरू किया।

इस दौरान जपिंदर की मुलाकात पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के खेती व्यापार विषय के माहिर और प्रोफेसर डॉ. रमनदीप सिंह और प्रगतिशील किसान सुक्खी लोंगिया जी से हुई। इन हस्तियों से जपिंदर ने किसानों को प्रोसिंसग में आने वाली दिक्कतों के बारे में और बारीकी से जाना और आगे बढ़ने का हौंसला भी मिला।

आज हमारे देश में बहुत सारे किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जो कि हमारे देश के लिए एक शर्मनाक बात है। आत्महत्या का एक बड़ा कारण है खेती मशीनों के महंगे मूल्य। इन महंगी मशीनों को बहुत कम किसान ही खरीदते हैं। अत: हम किसान की आवश्यकता को समझते हुए कम मूल्य में मशीनें तैयार करने की कोशिश करते हैं — जपिंदर वधावन

जपिंदर को दूसरा प्रोजेक्ट मिला हल्दी उबालने वाली मशीन का। यह प्रोजेक्ट भी उन्हें किस्मत से ही मिला। एक बस में उनकी मुलाकात एक किसान से हुई, जो कि हल्दी बॉयलर मशीन बनाना चाहते हैं। एक महीने के अंदर अंदर जपिंदर ने हल्दी बॉयलर तैयार कर दिया। इसके बाद जपिंदर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें किसानों की तरफ से जो भी प्रोजेक्ट मिले उन्होंने अपनी मेहनत से किसानों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की और वे इस काम में सफल भी हुए।

इन प्रोजेक्टों में मिली सफलता के बाद जपिंदर ने अपने सहयोगी साथियों के साथ मिलकर एक टीम बनाई और इस टीम को नाम दिया गया — रफ्तार प्रोफेशनल इंजीनियरिंग कंपनी। इनकी इस टीम में लगभग 15 अलग अलग विषयों के इंजीनियर और कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं, जो कि अपने विषय में पूरी महारत रखते हैं।

अपने हुनर को अन्य किसानों और लोगों तक पहुंचाने के लिए जपिंदर अपनी टीम द्वारा तैयार की गई मशीनों की वीडियो सोशल मीडिया के द्वारा अन्य किसानों के साथ शेयर करते हैं। जिससे और भी किसान उनसे जुड़ते हैं।

यदि हम आसान शब्दों में कहें, तो हम किसानों की मुश्किलों को समझते हैं। हम किसान की आवश्यकतानुसार मशीन तैयार करते हैं, जिससे वे नई तकनीक को अपना सकें और अपनी कमाई में वृद्धि कर सकें — जपिंदर वधावन

रफ्तार इंजीनियरिंग टीम से जुड़े लगभग 300 किसान में से 120 किसान जैविक खेती करते हैं और जपिंदर स्वंय भी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं। सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई क्षेत्रों के किसान जपिंदर के पास मशीनरी तैयार करवाने के लिए आते हैं।

कहा जाता है कि इंसान की ज़िंदगी में सफलता के साथ साथ असफलता भी आती है। रफ्तार इंजीनियरिंग टीम अब तक 20 प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी है, जिनमें से 17 प्रोजेक्ट में उन्हें सफलता मिली और 3 प्रोजेक्ट में असफलता। पर इस असफलता ने उनकी हिम्मत टूटने नहीं दी और उन्होंने अपने काम को और कुशलता से करने का फैसला किया। जपिंदर के साथ उनकी 15 सहयोगियों की टीम है, जो हर काम में उनकी मदद करते हैं।

जपिंदर के द्वारा तैयार की गई मशीनें

  • रोटावेटर
  • गार्लिक अनियन पीलर
  • जैगरी प्रोसेसिंग फ्रेम
  • टरमरिक स्टीम बॉयलर
  • टरमरिक पुलवेराईज़र
  • टरमरिक पॉलिशर
  • पावर वीडर
  • पल्सिस मिल्ल
  • पुलवेराईज़र
  • इरीगेशन शेड्यूलर

किसानों के लिए मशीनें तैयार करने के साथ साथ जपिंदर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट पूरे करने में भी मदद करते हैं, जो कि आने वाले समय में किसानों के लिए लाभदायक साबित होंगे।

किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जपिंदर, जैविक खेती करने वाले किसानों को मशीनरी तैयार करने पर भारी छूट भी देते हैं।

भविष्य की योजना

भविष्य में जपिंदर अपनी कंपनी को बड़े स्तर पर लेकर जाने के लिए, स्वंय की इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं और अपने द्वारा बनाई हुई मशीनरी का आयात निर्यात का काम करना चाहते हैं।

किसानों के लिए संदेश

“किसानों को रासायनिक खेती को छोड़कर, जैविक खेती की तरफ ध्यान देना चाहिए। किसानों को सोच समझकर निवेश करना चाहिए। किसी के पीछे लगकर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। सलाह सब से लेनी चाहिए, पर अपने पैसे निवेश करने से पहले अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए।”