यूरिया की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर शिकंजा

September 05 2020

जनपद में यूरिया की कालाबाजारी के मामले में सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। तीन खाद दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और तीन समितियों के सचिवों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा 12 दुकानदारों को शोकाज नोटिस दिया गया है। यूरिया की कालाबाजारी के पीछे कई दुकानदारों को लिप्त पाया गया है, जिन्होंने स्वयं, पत्नी-बेटे समेत सगे संबंधियों के नाम पर यूरिया का स्टॉक खारिज कर दिया। वहीं कालाबाजारी के जरिए महंगी खाद खरीदने वाले किसानों के नाम पर यूरिया की बिक्री ही नहीं दर्शाई गई। बल्कि खाद ऐसे लोगों के नाम बिक्री की गई है, जिनके पास जमीन नहीं है या फिर बहुत कम है।

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने भारत सरकार द्वारा भेजी गई सूची (एक अप्रैल 2020 से 31 जुलाई 2020 तक) के आधार पर दुकानों, समितियों और किसानों की जांच सभी एसडीएम से कराई थी, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। नकहा ब्लॉक क्षेत्र के गांव पटेहरा स्थित पटेल फर्टिलाइजर्स के मालिक ने स्वयं, पत्नी, बेटे समेत मनीष कुमार के नाम पर 1777 बोरी यूरिया बिक्री कर उतना स्टॉक खारिज कर दिया, जिसमें मनीष कुमार को 298 बोरी यूरिया बिक्री दर्शाई गई।

इसी तरह गोला गोकर्णनाथ की फर्म गुप्ता ब्रदर्स ने दो किसानों के नाम पर 670 बोरी यूरिया बेची है, लेकिन उन किसानों के पास इतनी जमीन ही नहीं है। ऐसे ही मैलानी की फर्म ओयल ब्रदर्स ने चार किसानों को 1369 बोरी यूरिया बिक्री दर्शाई है, जिसमें एक किसान को 488 बोरी, दूसरे को 315 बोरी, तीसरे को 220 बोरी और चौथे को 346 बोरी यूरिया बेची गई है। जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र प्रताप सिंह ने तीनों फर्मों पटेल फर्टिलाइजर्स, ओयल ब्रदर्स और गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ सदर कोतवाली में उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है।

वहीं सहकारिता विभाग की साधन सहकारी समिति रमुआपुर (बिजुआ) ने एक किसान दलजीत सिंह को 256 बोरी यूरिया बेची है, जबकि ग्रंट नंबर 10 बांकेगंज और भल्लिया बुजुर्ग की समितियों ने एक-एक किसान को क्रमश: आठ और 10 बोरी यूरिया दी है। इन किसानों ने दूसरी समितियों और दुकानों से भी काफी मात्रा में खाद खरीदी थी। इसलिए तीनों समितियों के सचिवों पर कार्रवाई करने की संस्तुति करते हुए जिला कृषि अधिकारी ने रिपोर्ट एआर कोआपरेटिव को भेजी है, जिसमें कार्रवाई करते हुए एआर कोआपरेटिव रत्नाकर सिंह ने संबंधित समितियों के सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा गनेश खाद भंडार को भी जिला कृषि अधिकारी ने नोटिस जारी किया है, क्योंकि दुकानदार ने अपने बेटे के नाम पर यूरिया बिक्री दिखाई है।

दुकानदारों से साठगांठ करने वाले हो जाएं सावधान

सरकार ने यूरिया समेत सभी खादों की कालाबाजारी को रोकने के लिए पॉस मशीन के जरिए खाद बिक्री की व्यवस्था लागू की, लेकिन दुकानदारों ने इसमें भी सेंध लगाते हुए दूसरा हथकंडा अपना लिया। एसडीएम की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर दुकानदारों ने अपने परिजन और सगे-संबंधितयों के आधार कार्ड का प्रयोग करके यूरिया स्टॉक खारिज किया है। जांच में पाया गया है कि जिनके नाम पर सैकड़ों बोरी खाद बेची गई, उनके पास जमीन ही नहीं है, तो कुछ के पास बहुत कम निकली। लिहाजा दुकानदार से साठगांठ कर अपने आधार कार्ड का दुरुपयोग करने वाले कथित किसानों पर भी कार्रवाई हो सकती है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया है कि आधार का दुरुपयोग करने वालों पर भी आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

खाद विक्रेता उर्वरकों को केवल कृषि कार्य के लिए किसानों को उनकी जमीन और फसल के आधार पर बेच सकते हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

- सत्येंद्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी

 

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स्रोत: Amar Ujala