गर्मी खत्म कर सकती है बासमती की खुशबू, कम हो सकता है फसल का उत्पादन

September 25 2020

सूरज की तपिश और उमस इस साल बासमती की खुशबू को बिगाड़ सकती है। बारिश न होने से तापमान बढ़ा हुआ है। इससे बासमती व सामान्य प्रजाति के धान की उपज कम रहती है। साथ ही बासमती की खुशबू भी कम या खत्म हो सकती है। तापमान में गर्मी होने की वजह से किसानों के होश उड़े हुए हैं। अगर अब भी बारिश हो जाए तो बासमती धान की फसल को सहारा मिल जाएगा।

बिजनौर जिले के किसानों की धान प्रमुख फसल है। जिले में 55 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन में धान की फसल बोई जाती है। बासमती की खेती के लिए जिला बिजनौर प्रसिद्ध है। जिले में धान के कुल रकबे में से आधे से अधिक हिस्से में केवल बासमती बोया जाता है। जिले के धान की विदेशों में बहुत मांग है। नगीना, बढ़ापुर, अफजलगढ़ क्षेत्र में बासमती धान प्रमुखता से बोया जाता है।

अगस्त में हुई बारिश ने धान की फसल को बहुत फायदा पहुंचाया था और सितंबर की शुरूआत में बासमती के खेत इसकी खुशबू से महकने लगे थे। लेकिन अब धान की फसल को गर्मी की नजर लग गई है। सितंबर में आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश गायब है।

बारिश न होने की वजह से तापमान बढ़ा हुआ है। यह गर्मी धान की खुशबू को खत्म कर सकती है। अधिक गर्मी के कारण धान की फसल समय से नहीं पक पाएगी। खासतौर से बासमती के लिए यह तापमान बहुत नुकसान वाला साबित हो सकता है।

32 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए तापमान

धान की फसल के लिए पकते समय तापमान दिन में 30 से 32 और रात को 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। लेकिन तापमान इससे कहीं अधिक है। दिन में पारा 35 डिग्री तक जा रहा है तो रात में भी तापमान बढ़ा हुआ चल रहा है। केवल रात 12 बजे से सुबह छह सात बजे तक ही थोड़ा तापमान सही रहता है।

इस समय धान से बाली निकल रही है। अगर तापमान ज्यादा हो तो पूरी बाली नहीं निकल पाती है। बाली निकलने के बाद उसमे दूध पड़ता है जो बाद में चावल का दाना बनता है। तापमान अधिक होने से सभी दानों में दूध नहीं पड़ पाता है।

अगर एक बाली में 50 दाने हैं तो पांच से दस दानों में दूध नहीं पड़ता है। वैसे तो सभी प्रजातियों में फसल प्रभावित होती है लेकिन सबसे अधिक प्रभाव बासमती की फसल पर ही पड़ता है। गर्मी में बासमती में खुशबू नहीं आती है या कम आती है। बासमती की अहमियत इसकी खुशबू से ही होती है। खुशबू कम होगी तो कीमत भी कम ही मिलेगी।

धान रकबा

मोटा धान 18105

बासमती धान 32113

संकर धान 7467

नोट:रकबा हेक्टेअर में है।

गर्मी से होगा ज्यादा नुकसान

कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह के अनुुुसार मौसम में गर्मी बनी हुई है। इससे धान की फसल का उत्पादन कम हो सकता है। अधिक तापमान का बासमती धान की खुशबू पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एक दो दिन में यदि बारिश हो जाती है तो तापमान में गिरावट आ सकती है।

 

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स्रोत: Amar Ujala