भूमि सुपोषण से ही भारत का किसान स्वावलंबी बनेगा

April 15 2021

भूमि सुपोषण से ही भारत का किसान स्वावलंबी बनेगा और सुपोषित भूमि से ही भारत के प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध होगा। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा जिले को स्वावलंबी बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर मंगलवार को स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजेश कुमरावत ने जिले में भूमि सुपोषण अभियान का श्रीगणेश करते हुए कार्यकर्ताओं और किसानों यह बात कही।

मंच के जिला संयोजक कुमरावत ने कहा कि भूमि के सुपोषण से संबंधित जागरूकता अभियान में किसानों की सभी समस्याओं का निदान संभव है। भूमि सुपोषित होगी तो उत्पादन भी अच्छा होगा भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी तो किसानों को रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना होगा। जैविक खेती के माध्यम से खेती करने पर फसल की उत्पादन लागत में कमी आएगी। ग्रामीण क्षेत्र में कृषि कार्य के लिए जो साधन अपनाए जाते हैं वर्तमान में उन पर पूरा अधिकार मशीनों का हो गया है। ऐसे में पर्यावरण और इको सिस्टम को बचाए रखने के लिए पशुओं का उपयोग भी समय की महती आवश्यकता हो गई है।

गुरु पूर्णिमा को जैविक कृषक गजानंद कुशवाह के खेत पर सभी जैविक खेती करने वाले और अन्य किसान इकट्ठे हुए सभी अपने-अपने खेतों की मिट्टी लाए और सबकी मिट्टी एक कलश में रखकर मिट्टी का पूजन किया गया। किसानों ने भूमि सुपोषण के सभी उपाय अपनाने का संकल्प लिया। किसानों ने भूमि को सुपोषित एवं संरक्षित करने का भी संकल्प लिया। किसान हजारीलाल कुशवाहा, ललिता बाई, देवीलाल कुशवाहा, गजानंद कुशवाह, गोपाल कुशवाह, जगदीश कुशवाह, ललित कुशवाह, उमाशंकर कुशवाह, पप्पू कुशवाहा, देवीलाल भील आदि उपस्थित थे।

जिलेभर में 21 दिनों तक यह अभियान गांव-गांव चलेगा। अभियान में किसान संघ, विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद, मजदूर संघ, पतंजलि आदि सभी स्थानीय धार्मिक सामाजिक संगठन बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। मंच के जिला संयोजक राजेश कुमरावत ने आह्वान किया है कि सभी स्थानीय संगठन सामाजिक और धार्मिक संगठन इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें जिससे हम आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और समृद्घ बना सकें। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार से भूमि सुपोषण अभियान खेती की भूमि में रासायनिक प्रयोग से फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव, बंजर होती भूमि, मानव के स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव, ग्राम विकास से आत्मनिर्भर भारत पर आधारित भूमि सुपोषण अभियान के जरिए भूमि सुधार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

 

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स्रोत: Nai Dunia