लॉकडाउन के दौरान किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं और सरसों की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिल रहा है वहीं मजदूरों की कमी से फसलों को मंडी में ले जाने पर भी कम रेट मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान मंडी में फसल पहुंचाने के मद में भी अधिक खर्च हो रहा है।
फसलों की खरीद के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) या किसी अन्य एजेंसी के न पहुंचने की वजह से किसानों को उचित रेट नहीं मिल रहा है। न तो फसलों पर एमएसपी का लाभ मिल रहा है और न ही प्रदेश सरकार की ओर से किसी तरह की राहत दी जा रही है।
रोजाना मंडी में पहुंच रही हैं 175 गाड़ियां
नजफगढ़ की अनाज मंडी में लॉकडाउन के दौरान फसलों की आवक को सीमित कर दिया गया है। अब रोजाना 175 गाड़ियों में फसलें पहुंचाई जा सकती हैं। किसानों ने प्रशासन से इसे 200 करनेे की मांग की थी।
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स्रोत: अमर उजाला