केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 10 रुपये बढ़ाया

August 20 2020

केंद्र सरकार ने बुधवार को गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) मूल्य 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया। यह मूल्य इस साल अक्तूबर से शुरू होने वाले नए मार्केटिंग सत्र के लिए निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में गन्ने का 2020-21 (अक्तूबर-सितंबर) मार्केटिंग वर्ष के लिए एफआरपी दाम 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी गई। यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है।

खाद्य मंत्रालय ने अगले मार्केटिंग सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 275 रुपये से बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रिमंडल समिति का यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के मुताबिक है।

सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली सांविधिक संस्था है। एफआरपी को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य खुद गन्ने का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करते हैं जिसे स्टेट एडवाइजरी प्राइज या एसएपी कहा जाता है। यह आमतौर पर केंद्र सरकार के एफआरपी से अधिक होता है।

सरकार का अनुमान है कि चालू मार्केटिंग सत्र में गन्ने का कुल उत्पादन 280 से 290 लाख टन रह सकता है। गन्ने का चालू मार्केटिंग सत्र अगले महीने समाप्त हो रहा है। पिछले साल 2018-19 में देश में 331 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती में कमी आने से चालू सत्र में उत्पादन कम रहने का अनुमान है।

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स्रोत: Amar Ujala