आम के पेड़ों को कीड़ों से बचाने के लिए सीएसए ने जारी की एडवाइजरी, किसानों के लिए जरूरी जानकारी

April 15 2020

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के उद्यान विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने लॉक डाउन के दौरान आम के बाग में कीड़ों से बचाव के लिए सोमवार को एडवाइजरी की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष माह जनवरी तक अधिक ठंड पड़ने के कारण आम में वृक्षों में बौर देर से व कम आए हैं।

साथ ही कुछ क्षेत्रों में मार्च माह में ओलावृष्टि व तेज हवाओं के कारण आम की फसल को काफी क्षति हुई है। डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि आम के पेड़ों पर मटर के दानों से भी बड़े फल बन चुके हैं। इस समय तरह-तरह के कीटों से फसल को बचाने के लिए दवाओं का छिड़काव व कुशल प्रबंधन से अच्छी पैदावार हो सकती है।
  • भुनगा कीट : रोकथाम के लिए थाईमैं थकजाम 25 डब्ल्यू जी की एक ग्राम मात्रा को प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर पौधों पर छिड़काव करें।
  • स्केल कीट : सफेद रंग का यह कीट टहनियों, बौरो एवं फलों में चिपक कर रस चूसता है। इसके नियंत्रण के लिए डाईमेंथोएट 30 ईसी की दो मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर पत्तियों, शाखाओं और बौरो पर छिड़काव करना चाहिए।
  • खर्रा रोग : रोकथाम के लिए हेक्सआकोनाजोल 50 SL की 1 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए। एंथक्नोज रोग : कार्बेंडाजिम 50 WP की एक ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर छिड़काव करने से फसल को बचाया जा सकता है।
  • फलों के झड़ने पर : बागवान प्लानओंफिक्स 4.5%  की 0.5 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव से समस्या दूर हो होगी।
  • सलाह : डॉक्टर त्रिपाठी ने आवश्यकतानुसार के मुताबिक सिंचाई और फलों की अच्छी वृद्धि के लिए घुलनशील उर्वरक 19: 19: 19 के पांच ग्राम और सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण के पांच ग्राम को प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव लाभ प्रद होगा। डॉक्टर खलील खान ने बागवानों से अपील की है कि आम के बागों में कार्य करते समय मुंह पर मास्क लगाएं व सामाजिक दूरी अवश्य बनाए रखें ।


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स्रोत: अमर उजाला