मेरा पानी-मेरी विरासत: सरकार की योजना में किसान आए साथ, बचाना ही पड़ेगा जमीन का पानी

June 06 2020

हरियाणा में किसानों ने यह ठान लिया है कि वे भी भूजल को बचाने में अपना पूर्ण सहयोग देंगे। इसी का नतीजा यह है कि सरकार की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को लगातार प्रदेश के किसानों का समर्थन मिल रहा है। हालांकि सरकार ने इस योजना का मुख्य फोकस प्रदेश के आठ ब्लॉक पर रखा था। जहां भूजल 40 मीटर से ज्यादा नीचे जा चुका है।

सभी जिलों के किसान योजना के अंतर्गत धान की खेती छोड़ वैकल्पिक खेती करने का संकल्प कर रहे हैं। 4 जून तक प्रदेश के 41273 किसानों ने खास योजना के लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा दी है। सभी जिलों में किसानों ने अपनी 45178.982 हेक्टेयर जमीन पर धान न लगाकर मक्का, बाजरा, कपास, दलहन व बागवानी फसलों को लगाने का फैसला लिया है।
 

यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यह भी साफ है कि प्रदेश में इन वैकल्पिक फसलों का रकबा भी अपेक्षाकृत बढ़ेगा। इसके अलावा जिन 8 ब्लॉकों पर खास फोकस है। वहां भी 6045 किसानों ने अभी तक 6130.688 हेक्टर जमीन पर धान की बजाय अन्य फसलें लगाने का निर्णय लिया है।प्रदेश सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भी पूरी तरह गंभीर है। किसानों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। अभी तक किसानों ने पोर्टल पर धान की बजाए 6859.743 हेक्टेयर मक्का, 7111.984 हेक्टेयर बाजरा, 26569.430 हेक्टेयर कपास, 751.401 हेक्टेयर दलहन और 3886.424 हेक्टेयर बागवानी फसलें लगाने की इच्छा जताई है। निसंदेह किसानों के यह प्रयास भूजल को बचाने में मददगार साबित होंगे।
- संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग

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स्रोत: Amar Ujala