प्रदेश में अब तक रबी बोनी 126 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में कर ली गई है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 115.09 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। यह बुवाई गत वर्ष की तुलना में लगभग 11 लाख हेक्टेयर अधिक है। प्रदेश में गेहूं की बुवाई लक्ष्य के विरुद्ध 81 फीसदी कर ली गई है। मौसम बोनी के अनुकूल बना हुआ है। तापमान में गिरावट के साथ-साथ पर्याप्त नमी मौजूद है जो किसानों को राहत दे रही है।
अब तक प्रदेश में 83.22 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 13 लाख हेक्टेयर अधिक है। गत वर्ष इस अवधि की तुलना में दलहनी फसलें 1 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में बोई गई हैं तथा तिलहनी फसलों की स्थिति सामान्य है। प्रदेश में रबी फसलों का सामान्य क्षेत्र 107.33 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 136.97 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध अब तक 126.43 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। इसमें रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अब तक 83.22 लाख हेक्टेयर में कर ली गई है। जबकि गत वर्ष अब तक गेहूं 70.69 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान में गिरावट के कारण गेहूं की बोनी तेजी से बढ़ रही है। गत वर्ष 102.27 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था इस वर्ष 102.76 लाख हेक्टेयर में गेहूं बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में रबी की दूसरी प्रमुख फसल चने की बोनी इस वर्ष धीमी गति से चल रही है। अब तक 25.20 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है जबकि गत वर्ष इसकी बोनी अब तक 26.40 लाख हेक्टेयर में कर ली गई थी। राज्य में इस वर्ष 19.27 लाख हेक्टेयर में चना बोने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि चने का सामान्य क्षेत्र 29.73 लाख हेक्टेयर है। प्रदेश में अन्य फसलों के तहत अब तक जौं 89 हजार हेक्टेयर में, मटर 2.59 लाख हेक्टेयर में, मसूर 4.94, सरसों 7.79 लाख हेक्टेयर में बोई गई है। वहीं अलसी 87 हजार एवं गन्ना 94 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। इस प्रकार राज्य में अब तक कुल अनाज फसलें 84.11 लाख हेक्टेयर में बोई गयी हैं जबकि गत वर्ष इस समय तक 71.74 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। इसी प्रकार दलहनी फसलें 32.72 लाख हेक्टेयर में एवं तिलहनी फसलें 8.67 लाख हेक्टेयर में बोयी गयी है।
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स्रोत: Krishak Jagat