पहाड़ों पर बर्फबारी होने से तराई में आलू, मटर और सब्जियां उगाने वाले किसानों को नुकसान हुआ है। इन फसलों में झुलसा रोग भी पनपने लगा है। साल के अंतिम सप्ताह में मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ने से तराई में पाला गिरने लगा है। सुबह के समय खेतों में पाले की सफेद चादर सी बिछ जाती है। कोहरे के बीच गिर रहे पाले से आलू और मटर की फसल 20 फीसदी बर्बाद हो चुकी है।
खराब मौसम का असर सब्जियों के अलावा चना, अरहर आदि दलहनी फसलों पर भी पड़ रहा है। मंगलवार रात हुई बारिश में आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है। कोहरे से आलू और मटर की फसल में झुलसा रोग लग गया है। बारिश की संभावना को लेकर किसान चिंतित है। कुंडेश्वरी गढ़वाल ब्लॉक के किसान देवेंद्र बिष्ट ने कहा है पाला पड़ने से मटर और आलू की फसल में पीलापन आ रहा है। इससे दोनों फसलों की पैदावार प्रभावित हुई है।
हालांकि छोटी जोत के काश्तकार फसल को पराली से ढककर फसल का बचाव कर लेते हैं। भोगपुर के किसान अमीर खान ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल में नहर का पानी भर गया है। ऊपर से पाला पड़ने पर काफी हिस्से में गेहूं पीला पड़ गया है। बाजपुर रोड के काश्तकार सुरेश शर्मा ने बताया कि वह ज्यादातर आलू का उत्पादन करते है। पाले से आलू में गलन बढ़ने लगी है। इससे फसल के सड़ने का खतरा बना हुआ है।
कुंडा के किसान रवि डोंगरा ने बताया कि गहरे खेतों में पानी रुकने और पाला पड़ने से गेहूं की फसल में भी पीलापन आ रहा है। सिंचाई के समय किसान यह सुनिश्चित कर लें कि खेत में कहीं भी पानी जमा न हो।
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स्रोत: Amar Ujala