गाजर के अमानक बीज की शिकायत पर जांच के लिए पहुंचा उद्यानिकी विभाग व कृषि वैज्ञानिकों का दल

December 30 2020

कम्पेल गांव के किसान द्वारा गाजर के घटिया बीज के कारण फसल खराब होने की शिकायत के बाद उद्यानिकी विभाग और कृषि वैज्ञानिकों का दल जांच के लिए पहुंचा। अधिकारियों ने पंचनामा बनाकर मौके पर पाया गया कि जो गाजर खेत में उगी है उसका आकार वाकई छोटा है। किसान की शिकायत के आधार पर मामला सही पाया गया। कंपनी का जो बीज नंदलालपुरा की दुकान से खरीदा गया था। वह 600 रुपये किलो के हिसाब से दिया गया था। कंपनी व दुकानदार द्वारा जिस आकार की गाजर का दावा किया गया था व खेत में बिल्कुल नहीं उगा।

अधिकारियों ने पाया कि किसान ने सही मात्रा में दवाई और खाद का उपयोग किया था फिर भी फसल बाजार में बेचने लायक नहीं रही। कंपनी व दुकानदार द्वारा जो आकार व गुणवत्ता बताई गई। उससे अलग फसल खेत में उगी, जिससे किसान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। सारा मामला अधिकारियों की निगरानी में आ चुका है। किसान महेंद्र चौधरी का कहना है कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुझे नुकसान का मुआवजा दिलाया जाए।

अधिकारियों ने मुझे सलाह दी है कि फसल पक चुकी है। अब यह जो भी भाव बिके खेत खाली करके आगे की फसल की तैयारी कर ली जाए। मेरी समस्या अब दिनों-दिन बढ़ रही है। घाटा उठा कर अगली फसल की तैयारी करना भी मुश्किल है। मामले को गंभीरता से उठाने वाले भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव ने बताया कि बीज कंपनियों द्वारा दुकानदार से मिलकर हाइब्रिड के नाम पर महंगा बीज किसानों को बेचा जाता है। साथ ही किसान को अच्छी गुणवत्ता का नामी कंपनियों का बीज दिखाकर घटिया स्तर का बीज मिलावट करके पैकिंग के माध्यम से दे दिया जाता है। अधिकारियों की देखरेख में यह धंधा फल-फूल रहा है। लाखों रुपये का किसान को नुकसान हुआ है। इसकी क्षतिपूर्ति कंपनी व दुकानदार से करवाई जाए। साथ ही उचित कार्रवाई की जाए। जिससे घटिया बीज बेचने वालों को सबक लगे।

 

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स्रोत: Nai Dunia