एक तरफ जहां देशभर में कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं। वहीं हरियाणा के जींद जिले का किसान अनुबंध खेती कर मिसाल बना है। पोली गांव निवासी किसान शमशेर मलिक ने कंपनी से अनुबंध पर मोती की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा ली है। मोती की खेती से हर महीने करीब 50 हजार रुपये उनकी आय बढ़ गई है।
शमशेर मलिक ने बताया कि उनकी स्पेयर पार्ट्स की दुकान है लेकिन उससे ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाया। इस पर उसने इंटरनेट से कमाई के तरीके ढूंढे। शमशेर के पास जमीन कम थी। ऐसे में उसने अलग तरीका अपनाया। किसान ने पावन धरती नामक कंपनी से अनुबंध करके साढ़े पांच लाख रुपये खर्च किए।
कंपनी ने इसके बदले किसान के घर पर ही 280 स्क्वेयर फुट का एक टैंक बनवाया है। इसमें करीब 12 हजार सीप डाली गई हैं, जिसमें मोती तैयार हो रहे हैं। मोती तैयार होने में करीब एक साल का समय लगेगा। कंपनी उसे हर हफ्ते साढ़े बारह हजार रुपये दे रही है। इसके अलावा हर महीने पांच हजार रुपये उसे सीप फार्म की रखवाली और बिजली बिल के मिल रहे हैं।
कंपनी के साथ उसका दो साल का अनुबंध है, जोकि कोर्ट द्वारा उसे साढ़े पांच लाख की गारंटी के तौर पर कई प्लॉटों की रजिस्ट्री मिली है। सीप की देखरेख करने हर सप्ताह चिकित्सकों की टीम आती है, जिसका खर्च कंपनी ही वहन करती है। कंपनी मोती तैयार होने के बाद पूरी बिक्री राशि का पांच प्रतिशत अलग से देगी।
एक मोती की कीमत 160 रुपये
शमशेर ने बताया कि उसके पास 12 हजार सीप हैं, एक सीप से चार से पांच मोती तैयार होती हैं। एक मोती की कीमत 160 रुपये है। अगर सारी सीप मर भी जाती हैं तो भी किसान को मरी हुई सीपों की कीमत का पांच प्रतिशत मिलता है। किसान ने बताया कि मरी हुई सीप दवाइयों में प्रयोग की जाती हैं।
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स्रोत: Amar Ujala