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गुरप्रीत सिंह

(प्रोसेसिंग और मार्केटिंग)

अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ते हुऐ इस किसान ने बनाया ऐसा उत्पाद जो इसकी सफलता का कारण बना- गुरप्रीत सिंह

जिंदगी हर पहलू पर सीखने और सिखाने का अवसर है, पर यदि समय पर प्राकृतिक के इशारे को समझ जाए तो इंसान हर वह असंभव वस्तु को संभव कर सकता है। बस उसे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, चाहे वह खेती व्यवसाय हो या फिर कोई ओर व्यवसाय। उसका हमेशा एक ही जुनून होना चाहिए।

ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह हैं जो गांव मुल्लांपुर के रहने वाले हैं। जिनके पास अपनी जमीन न होते हुए भी सोयाबीन के प्रोडक्ट्स बना कर Daily Fresh नाम से बेच रहे हैं और उनके साथ एक ऐसा हादसा हुआ जिसने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी और एक लाभकारी प्रोडक्ट मार्किट में लेकर आये, जिसके बारे में सभी को पता था पर उसके फायदे के बारे में कोई-कोई ही जानता था।

साल 2017 की बात है, गुरप्रीत सिंह जी को पीलिया हुआ था जोकि बहुत ही अधिक बढ़ गया और ठीक नहीं हो रहा था।

मैं गांव के डॉक्टर के पास अपना चेकअप करवाने के लिए चल गया- गुरप्रीत सिंह

जब उन्होंने ने चेकअप करवाया तो डॉक्टर ने कमज़ोरी को देखते ही ताकत के टीके लगवा दिए, जिसका सीधा असर लिवर पर पड़ा और लिवर में इन्फेक्शन हो गया क्योंकि पीलिया के कारण पहले ही अंदर गर्मी होती है, दूसरा ताकत के टीके ने अंदर ओर गर्मी पैदा कर दी थी।

जब हालत में सुधार नहीं हुआ और सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ती गई तो उन्होंने बड़े अस्पताल में जाने का फैसला किया और जब वहां डॉक्टर ने देखा तो उनके होश उड़ गए और गर्मी का कारण जानने के लिए टेस्ट करवाने के लिए भेज दिया। जब गुरप्रीत ने टेस्ट करवाया तो डॉक्टर बोला आप शराब पीते हो तो गुरप्रीत जी ने कहा कि “अमृतधारी हूँ, इन सभी चीजों से दूर रहता हूँ” जब रिपोर्ट आई तो डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती किया और इलाज शुरू हो गया।

जब वह अस्पताल में थे तो खाली समय में फोन का प्रयोग करने लगे और सोचा कि देसी तरीके के साथ कैसे ठीक हो सकते है इस पर रिसर्च की जाए। फिर रिसर्च करते समय सबसे ऊपर Wheat Grass आया और उनके मन में उसके बारे में रिसर्च करने की इच्छा जागरूक होने लगी और अच्छी तरह जाँच पड़ताल की और उसके फायदे के बारे में जानकर हैरान हो गए।

अस्पताल के बैड पर बैठ कर की रिसर्च मेरी जिंदगी में बदलाव लेकर आने का पहला पड़ाव था- गुरप्रीत सिंह

रिसर्च तो उन्होंने अस्तपाल में कर ली थी पर उसे प्रयोग करके उसके फायदे देखना बाकी था। इस दौरान अपनी पत्नी को बताया और घर में ही कुछ गमलों में गेहूं के बीज लगा दिए। जिसका फायदा यह है कि 12 से 15 दिन में तैयार हो जाती है।

थोड़ा ठीक होकर गुरप्रीत जी घर आये तो उनकी पत्नी ने रोज Wheat Grass का जूस बना कर उन्हें पिलाना शुरू कर दिया, जैसे-जैसे वह जूस का सेवन करते रहे दिन प्रतिदिन सेहत में फर्क आने लगा और बहुत कम समय में बिलकुल स्वाथ्य हो गए।

उन्होंने सोचा कि यदि इसके अनेक फायदे हैं और बी.पी, शुगर और ओर बहुत सी बीमारियों को खत्म करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है तो क्यों न इसके बारे में ओर लोगों को बताया जाए और उनके पास प्रोडक्ट के रूप में पहुँचाया जाए। उसे मार्किट में लाने के लिए फिर से रिसर्च करने लगे ताकि ओर लोगों की भी सहायता हो सके।

मैंने परिवार के साथ इसके बारे में बात की- गुरप्रीत सिंह

घरवालों से बात करने के बाद उन्होंने सोचा कि इसे पाउडर के रूप में बनाकर लोगों तक पहुँचाया जाए। जिससे एक तो पाउडर खराब नहीं होगा दूसरा उनके पास सही से पहुंचेगा। पर यह नहीं पता था कि पाउडर कैसे बनाया जाए।

इस दौरान मैंने PAU के डॉक्टर रमनदीप सिंह जी के साथ संम्पर्क किया, जो अग्रि बिज़नेस विषय के माहिर हैं और हमेशा ही किसानों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं। जिन्होंने प्रोडक्ट बनाने से लेकर मार्केटिंग में लाने तक बहुत सहायता की। आखिर उन्होंने Wheat Grass की प्रोसेसिंग अपने फार्म पर की जो वह मौसम के दौरान घर के गमलों में उगाई हुई थी जहां पर वह पहले ही सोयाबीन के प्रोडक्ट तैयार करते हैं, फिर उन्होंने Wheat Grass का पाउडर बनाकर उसे चैक करवाने के लिए रिसर्च केंद्र ले गए और जब रिपोर्ट आई तो उनका दिल ख़ुशी से भर गया, क्योंकि पाउडर की क्वालिटी जैविक और शुद्ध आई थी।

फिर मैंने सोचा मार्किट में लाने से पहले क्यों न अपने नज़दीकी रिश्तेदार में सैंपल के तौर पर दिया जाए- गुरप्रीत सिंह

जब प्रोडक्ट सैंपल के तौर पर भेजे तो उन्हें अनेक फायदे मिलने लगे और उनसे बहुत होंसला मिला।

होंसला मिलते ही देरी न करते हुए इसे मार्किट में लेकर आने का फैसला किया, इस दौरान उनके सामने एक बड़ी मुश्किल यह आई कि अब तो मौसम के अनुसार उग जाती है जब इसका मौसम नहीं होगा तो क्या करेंगे, फिर उन्होंने सोचा कि हैदराबाद में उनके रिश्तेदार है जो पहले से ही Wheat Grass का काम कर रहे हैं और वहां के मौसम में बदलाव होने के कारण क्यों न वहां से ही मंगवाया जाए इस तरह इस मुश्किल का समाधान हो गया, पर मन में अभी भी डर था लोगों को इसके फायदे के बारे में कैसे बताया जाए, जोकि सबसे बड़ी मुश्किल बन कर सामने आई। बस फिर भगवान को याद करते हुए उन्होंने दुकानदार और मेडिकल स्टोर वालों से जाकर बात की और मेडिकल स्टोर और दुकानदार को Wheat Grass के फायदे के बारे में ग्राहक को बताने के लिए कहा।

कुछ समय वह ऐसे ही मार्किटिंग करते रहे और जब उन्हें लगा कि मार्कटिंग सही से हो रही है, तो सोचा इसे ब्रांड का नाम देकर बेचा जाए, जिससे इसकी अलग पहचान बनेगी। इस दौरान श्री दरबार साहिब जाकर हुक्मनामे के पहले शब्द “” से Perfect Nutrition ब्रांड नाम रखा और उसकी पैकिंग करके बढ़िया तरीके से मार्कटिंग में बेचने लगे।

गुरप्रीत जी किसान मेलों में जाकर, गांव और शहरों में कैनोपी लगाकर इसके फायदे के बारे में बताने लगे और मार्कटिंग करने लगे जिससे उनकी मार्केटिंग में बहुत अधिक प्रसार हुआ।

2019 में वह पक्के तौर पर Wheat Grass पर काम करने लगे और लोगों को कम ही इसके फायदे के बारे में बताना पड़ता है और पाउडर बेचने के लिए मार्किट में नहीं जाना पड़ता बल्कि आजकल इतनी मांग बढ़ गई है कि उन्हें थोड़े समय के लिए भी फ्री समय नहीं मिलता। आज पाउडर की मार्केटिंग पूरे लुधियाना शहर में कर रहे हैं और साथ-साथ मार्कटिंग सोशल मीडिया के द्वारा भी करते हैं जिसमें कोरोना के समय Wheat Grass पाउडर की बहुत मांग बढ़ी और बहुत मुनाफा हुआ।

भविष्य की योजना

वह अपने प्रोडक्ट को बड़े स्तर पर और लोगों को इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना चाहते हैं ताकि कोई भी रह न जाए और आजकल जो बीमारियां शरीर को लग रही है उसे बचाव किया जा सके।

संदेश

हर एक इंसान को चाहिए वह अच्छा उगाये और अच्छा खाए, क्योंकि बीमारियों से तभी बचेंगे जब खाना पीना शुद और साफ होगा और इम्यूनिटी मज़बूत रहेगी।