पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 10 खरब डॉलर (1 ट्रिलियन डॉलर) तक ले जाने का लक्ष्य तय करने के बाद कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती व विस्तार देकर किसानों की आय बढ़ाने की नई पहल की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि क्षेत्र की कमजोरियों को चिह्नित कराने के साथ उनके निदान की एक रूपरेखा तैयार कराई है। करीब 28 विभाग मिलकर इस एजेंडे पर कार्ययोजना तैयार कर एक साथ काम करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) इस एजेंडे की प्रगति की नियमित समीक्षा करेगा।
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए ठोस व समयबद्ध लक्ष्य और कार्ययोजना तय कर काम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीएमओ ने कृषि क्षेत्र की कमजोरियों को चिह्नित कर कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार व विस्तार के लिए विभिन्न विभागों के स्तर पर हो सकने वाली कार्यवाहियों की पहचान कराई। अब विभागों को इसके क्रियान्वयन की कार्ययोजना बनाकर अमल के लिए भेज दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि एजेंडे की प्रगति पर सीएमओ लगातार नजर रखेगा। मुख्यमंत्री के एक संयुक्त सचिव को महीने में दो बार प्रस्तावित कार्यों की प्रगति की समीक्षा का निर्देश दिया गया है। इसके लिए हर महीने की पांच और 20 तारीख तय की गई है। हर पखवाड़े की प्रगति रिपोर्ट प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी। समय-समय पर मुख्यमंत्री को भी प्रगति की जानकारी दी जाएगी।
कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियां
- मौसम आधारित खेती होने से सूखा तथा बाढ़ बड़ी समस्या।
- मजदूरी, बिजली दरें, डीजल, खाद व कृषि यंत्रों के मूल्य वृद्धि से उत्पादकता लागत का बढ़ना।
- कृषि विकास दर 0.13 प्रतिशत है जो बहुत कम है।
- खाद्यान्न, फल-सब्जी व दूध का उत्पादन बढ़ा, लेकिन भंडारण व प्रसंस्करण में कमी से उत्पादों की बर्बादी।
- चार दशक में अन्न उत्पादन 30 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन पौष्टिक तत्वों की मात्रा घटती गई।
- राष्ट्रीय स्तर पर किसान परिवारों की औसत आय 8931 रुपये है। यूपी में यह 6668 रुपये है। जबकि पंजाब में 23,133 रुपये, हरियाणा में 18,496 रुपये व केरल में 16,927 रुपये है।
समाधान की रणनीति
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए कम से कम 10 फीसदी वृद्धि दर का लक्ष्य।
- किसानों से जुड़ी नीतियां, नियम व व्यवस्था सहज व सरल बनाई जाएं।
- आबादी को कृषि से गैर कृषि में बदलने की व्यवस्था हो व कृषि भूमि के पट्टे वैध किए जाएं।
- ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक कृषि प्रसंस्करण गतिविधि शुरू कर शिक्षित युवा किसानों को जोड़ा जाए।
- किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि आय में 9.02 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि जरूरी है।
- दोगुनी आय के लिए 2022-23 तक कृषि सेक्टर में वार्षिक निवेश 13.54 फीसदी की दर से हो।
- फसल उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने व कृषि आधारित वस्तुओं का निर्यात बढ़ाया जाए।
- मॉडल कृषि उत्पाद व पशुधन विपणन अधिनियम-2017 को मजबूती से लागू किया जाए।
- गोरक्षा, संविदा खेती, जीरो बजट कृषि को प्रोत्साहित कर एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाएं।
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स्रोत: अमर उजाला