सेब की फसल के लिए बारिश संजीवनी बन कर बरसी है। माना जा रहा है कि बारिश के बाद सेब की रंगत सुधरेगी और आकार भी बढ़ेगा। मौसम खुलते ही सेब सीजन ने रफ्तार भी पकड़ ली है। धूप खिलते ही बागवान सेब तुड़ान में जुट गए हैं। इस हफ्ते जन्माष्टमी के चलते बाजारों में फलों की डिमांड बढ़ने से सेब की कीमतों में तेजी आनी शुरू हो गई है। बढ़िया माल को मंडी में अच्छे दाम मिल रहे हैं।
एक बार में पूरी फसल उतारने के स्थान पर जो फल तैयार है उसे ही तोड़ना चाहिए। थीनिंग करने से सेब के आकार और रंग दोनों में सुधार होगा। बारिश के बाद अगर बागीचे में कहीं पानी खड़ा है तो उसकी निकासी का उचित प्रबंध करना भी बेहद जरूरी है। पानी खड़ा रहने से जड़ों को हवा नहीं मिलेगी जिससे पौधे पर कुप्रभाव पड़ेगा।
जन्माष्टमी की लोडिंग से बढ़ रहे दाम : हरीश
शिमला भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरीश ठाकुर ने बताया कि जन्माष्टमी की लोडिंग के चलते सेब के दामों में तेजी आई है। त्यौहारों के दौरान सेब की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सड़कें बंद होने के कारण मंडी में माल कुछ कम पहुंच रहा है।
रॉयल सेब 2100 रुपये प्रति पेटी बिका
शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में मंगलवार को रॉयल सेब 2100 रुपये प्रति पेटी के रेट पर बिका। एक हफ्ते पहले रॉयल 1700 रुपये पेटी बिक रहा था। रेड गोल्डन मंगलवार को 1000 रुपये प्रति पेटी बिका, पिछले हफ्ते रेड गोल्डन का रेट 700 रुपये चल रहा था। रॉयल सेब में 400 और रेड गोल्डन में 300 रुपये की तेजी आई है।
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स्रोत: अमर उजाला