फतेहाबाद के गांव धारनिया के प्रगतिशील किसान नरेन्द्र पाली हाउस में बेमौसमी सब्जियां उगाकर संरक्षण खेती कर रहे हैं। आधा एकड़ में खीरा तथा 1 कनाल में विभिन्न सब्जियों की पौध लगाकर इस बार उसने करीब सात लाख रुपये का मुनाफा कमाया। संरक्षण खेती के कारण न केवल बागवानी विभाग बल्कि आसपास के किसान भी उनसे खासे प्रभावित हैं। इस बार नरेन्द्र ने करीब 170 क्विंटल खीरे की फसल ली व 4 लाख रुपये की बे मौसमी सब्जियां बेचकर लाभ उठाया।
उसने फतेहाबाद, आदमपुर, भट्टू व बरवाला की मंडियों में स्वयं जाकर खीरा बेचा और उसे 3 लाख रुपये का लाभ मिला। एक कनाल में उसने मिर्च, टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन, घीया, तोरी, करेला, पेठा व तर काकड़ी 10 प्रकार की सब्जियों की पौध तैयार की। जनवरी में उसने पौध के लिए बीज डाला। ऑफ सीजन में डाला गया बीज से 2 माह में पौध तैयार हुई। फरवरी में उसने किसानों को इस पौध को बेच दिया, जिससे उसे 4 लाख रुपये की आय हुई।
11 एकड़ में प्याज की पौध, किया भंडारण, आमदनी 55 लाख
नरेन्द्र कुमार ने बताया कि उसने 2002 में प्याज की नर्सरी लगाई। जिसमें सवा लाख रुपये लागत आई और 5 लाख रुपये की आमदनी हुई। इस पौध से प्याज का बीज तैयार किया। उसके बाद जनवरी में प्याज लगाया। मई में फसल आई और उस फसल का उसने भंडारण किया और बेचने के बाद उसे 5 लाख रुपये प्रति एकड़ आमदनी हुई। इस वर्ष उसने बीज का चयन कर रखा है। अक्तूबर, नवंबर में प्याज की बिजाई करेंगे, मई में फसल आ जाएगी।
धारनिया का नरेन्द्र कुमार लीक से हटकर खेती कर रहा है। अब बदलते दौर में बेमौसमी सब्जियां बिकने लगी हैं। ऐसे में बेमौसमी सब्जियां मार्केट में आने से उसके दाम भी अच्छे मिलते हैं और नरेन्द्र कुमार इसी का फायदा उठा रहा है। नरेन्द्र कुमार की मेहनत है कि उसने 3 कनाल में 17 टन खीरा व एक कनाल में लाखों की सब्जियों की पौध तैयार की। विभाग सरकार की ओर से आ रही योजनाओं का उन्हें लाभ देता है।’
- कुलदीप श्योराण, जिला बागवानी अधिकारी, फतेहाबाद
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स्रोत: अमर उजाला