कारनामा: छह किसानों को बेच दिया छह ट्रक यूरिया, जांच में खुली पोल

September 18 2020

10 दिनों में 3200 मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री करने के मामले में गठित जांच टीम की रिपोर्ट ने अफसरों को भी चौंका दिया है। समितियों में यूरिया की बिक्री में इस कदर खेल किया गया कि नियम कहीं नजर ही नहीं आए। यूरिया की कालाबाजारी करने के लिए एक-एक किसान को एक ट्रक यूरिया बेच दी गई। छह किसान ऐसे सामने भी आए हैं जिन्हें कुल छह ट्रक यूरिया की बिक्री सरकारी समिति से की गई। इसके अलावा एक किसान को नौ मीट्रिक टन यूरिया बेची गई।

जांच में फतेहपुर के एक सहकारी संघ गाजीपुर, एक आईएफएफडीसी और एक प्राइवेट खाद की दुकान में लिमिट से अधिक किसानों को यूरिया की बिक्री का मामला सामने आया है। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। जिलाधिकारी के पास कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है।

नियमों की बात करें तो एक किसान को एक सीजन में 50 बोरी से ज्यादा यूरिया की बिक्री नहीं की जा सकती लेकिन कुछ अफसरों की मिलीभगत से समितियों में यूरिया की अंधाधुंध बिक्री कर दी गई। किसानों की इस समस्या को जब अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया तो जिलाधिकारी संजीव सिंह ने जांच बैठा दी।

जिला मुख्यालय पर जिला कृषि अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जबकि तीनों तहसीलों में टीम बनाकर कार्रवाई शुरू कराई गई। यूरिया बिक्री में हुए खेल की जानकारी जिला कृषि अधिकारी ने जिलाधिकारी के साथ ही प्रयागराज में बैठे ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर (जेडीए) को दी। इसके बाद जेडीए ने यहां कार्रवाई भी की। इस दौरान उनके हाथ भी यूरिया बिक्री में हुए खेल के प्रमाण लगे।

यूरिया में किए गए खेल की रिपोर्ट बनाकर डीएम संजीव सिंह को दे दी गई है। सुजरही और बरिगवां के दुकानदार पर एफआईआर कराने की अनुमति डीएम से मांगी गई है। गाजीपुर सहकारी संघ के सचिव पर निलंबन व एफआईआर कराने के लिए सहायक निबंधक एवं सहायक आयुक्त सहकारिता रामनयन सिंह को पत्र लिख कर भेजा गया है। जिले में यूरिया बिक्री के नाम पर जमकर खेल हुआ। यूरिया की कालाबाजारी कर कुछ लोगों ने अपनी जेबें भरी हैं।

- बृजेश सिंह, जिला कृषि अधिकारी

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Amar Ujala