मई के अंत में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही उन सवा सात करोड़ किसानों के बैंक खाते में खेती के लिए पैसे आने शुरू हो जाएंगे, जिनका प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम में 10 मार्च से पहले रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था. उन्हें पहली और दूसरी किस्त के 4000-4000 हजार रुपये मिलेंगे. इसलिए इससे संबंधित कागजी काम पूरा करने के लिए तैयारी कर लीजिए. अगर रजिस्ट्रेशन नहीं है तो लेखपाल, कानूनगो और कृषि अधिकारी से बात करें.
किसानों को मिलेगी खेती के लिए सहायता
इस स्कीम की औपचारिक शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को यूपी के गोरखपुर से की थी. जिसके तहत तीन किस्त में 6000 रुपये 12 करोड़ किसानों को दिए जाने हैं. मोदी सरकार ने यह स्कीम कांग्रेस की कर्जमाफी वाले दांव की काट के लिए लॉंच की है. बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि इस स्कीम की अच्छी चुनावी फसल होगी. इसलिए उसने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि यदि उसकी सरकार फिर आई तो सभी किसानों को इसका लाभ मिलेगा.
पैसा पाने के लिए क्या करें?
स्कीम का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए. जिसमें रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/जनजाति), बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा. लेखपाल और कृषि अधिकारी से सहयोग लें. पहली, दूसरी किस्त के लिए आधार नंबर जरूरी है जबकि तीसरी के लिए इसका बायोमेट्रिक भी लिया जाएगा.
स्कीम के लिए कौन है योग्य?
फिलहाल तो लघु एवं सीमांत किसान परिवार ही इसके दायरे में आते हैं. परिवार का मतलब पति-पत्नी और 18 वर्ष से कम उम्र के यानी नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों. यानी पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा. जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे. इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनका नाम 2015-16 की कृषि जनगणना में आता है. सरकार ने पिछले साल इसे जारी किया था.
तीसरी किस्त के लिए आधार बायोमेट्रिक जरूरी
इन लोगों को लाभ नहीं
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. लास्ट वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे. एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर भी इससे वंचित रहेंगे.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी