इस साल बढ़ सकती है कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर, 3.1 प्रतिशत होने का अनुमान

January 17 2020

नीति अयोग (NITI Aayog) के सदस्य रमेश चंद (Ramesh Chand) ने गुरुवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) की वृद्धि दर बढ़कर 3.1 प्रतिशत रहने की संभावना है. वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि इस समय कृषि क्षेत्र में और अधिक प्रतिस्पर्धा तथा निजी निवेश की जरूरत है. भारतीय कृषि के विकास में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका निभानी होगी.

आधुनिक खेती के​ लिए निजी क्षेत्र की जरूरी भागीदारी 

चांद ने उद्योगमंडल ASSOCHAM के एक कार्यक्रम में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रहने की संभावना है. वित्त वर्ष 2018-19 में कुल कृषि वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत थी. वित्तवर्ष 2019-20 की पहली और दूसरी तिमाही में क्रमशः कृषि क्षेत्र की वृद्धि दो प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत थी. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश पर जोर देते हुए, चांद ने कहा कि निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के बिना खेती का स्वरूप आधुनिक नहीं हो सकता.

केंद्र सरकार से खास कानून बनाने की सिफारिश

उन्होंने एक बयान में कहा, "जब तक हम इसमें कार्पोरेट क्षेत्र के निवेश को नहीं बढ़ाते और कंपनियों को बीज के उत्पादन और उसके विस्तार में नहीं करते हैं, तब तक कृषि की वृद्धि तेज करना और किसानों की आय दोगुना करना मुश्किल होगा." चांद ने यह भी कहा कि नीति आयोग, केंद्र सरकार को एक मॉडल लैंड लीज कानून तैयार करने का मन बनाने को राजी करने की कोशिश कर रहा है.

राज्यों को राजी करने की जरूरतकृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम और ठेका खेती कानून के मॉडल के कार्यान्वयन के संबंध में, उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें राज्यों को राजी करने की जरूरत है, हम पहले से ही इस कोशिश में लगे हैं." अपने मुख्य भाषण में, नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी (NREA) के CEO अशोक दलवई ने कहा, "अन्न की बर्बादी रोकने के लिए, हमें ऐसा आधारभूत ढांचा बनाने की आवश्यकता ताकि उपभोग से बचे अन्न को संभाल कर रखा जा सके."

 

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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी