ट्रॅाली खरीद रहे 3300 में और ढेर का भाव 3100 रुपए

December 05 2018

चुनाव में किसान हितैषी बातों और वादों का खूब शोर हुआ। हर नेता कहने लगा कि ये करेंगे, वो करेंगे, किसानों की दिक्कत नहीं आने देंगे। अफसर भी आश्वासन देते रहे कि वे किसानों को पूरी सुविधा दे रहे हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है। किसान परेशान है और मंडी के कर्मचारी यह परेशानी और बढ़ा रहे हैं। मनमानी इस कदर हावी है कि किसानों की कोई नहीं सुन रहा। एसडीएम को कहना पड़ रहा है कि कोई दिकक्त हो तो मुझे कॉल करो। हालांकि यह सब होने के बावजूद किसान कह रहे हैं कि उन्हें किसी पर भरोसा नहीं। उनकी कोई नहीं सुनता। उनसे बुरा व्यवहार किया जाता है।

मंगलवार को ऐसा ही मामला सामने आया जब कृषि उपज मंडी में किसान बिफर गए और नाराजगी जताई। दरअसल भावांतर के तहत उपज बेचने के लिए इन दिनों किसान मंडी पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन 20 से 25 हजार बोरी की आवक हो रही है। मंगलवार को भी रोज की तरह नीलामी हो रही थी लेकिन लगभग पौने एक बजे अचानक किसानों का आक्रोश झलका और मंडी प्रशासन समेत एसडीएम-पुलिस सबके पसीने छूट गए। मंडी में जो माल बिकने आ रहा है उसमें कई किसानों का माल प्लेटफॉर्म पर रखा है और कुछ ट्रॉली लेकर आ रहे हैं। किसानों का कहना था कि प्लेटफॉर्म पर रखे माल की नीलामी नहीं हो रही और ट्रॉली तोली जा रही है। तीन दिन मंडी में रुकने के बावजूद उपज नहीं बिक रही। ट्रॉली का भाव अलग रहता है और ढेर का भाव अलग मिल रहा। भाव में हेरफेर किया जा रहा है। किसानों की नाराजगी देख मंडी सचिव समेत एसडीएम जीवनसिंह रजक और सीएसपी मौके पर पहुंचे। किसानों से बात कर उनकी समस्या पूछी। आश्वासन दिया कि अब परेशानी नहीं आएगी। समझाइश के बाद किसान मान गए और करीब 25 मिनट के हंगामे के बाद नीलामी फिर शुरु हुई। देर शाम सात बजे एसडीएम जीवनसिंह रजक मंडी पहुंचे और कर्मचारियों की बैठक ली। एसडीएम ने अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि व्यवस्थाएं सुधारी जाए।

राजोदा से आए किसान रुपसिंह ने बताया कि हम तीन दिन से मंडी में रुके हैं। सोयाबीन की उपज प्लेटफॉर्म पर पड़ी है। कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं और ट्रॉलियों तोली जा रही है, ढेर पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। ट्रॉली का भाव 3300 रुपए है और ढेर का भाव 3100 दे रहे। एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि परेशानी नहीं होगी। लोकेंद्र नागर ने बताया कि नीलामी के लिए तीन दिनों से इंतजार कर रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। मंडी कर्मचारी सुनते नहीं है। भाव में कमी कर रहे हैं। एक दिन पहले 3400 रुपए भाव मिलता तो एक दिन बाद 3100 रुपए कर दिए जाते हैं। माणक शर्मा ने बताया कि मंडी में दो-तीन दिन से रुके हैं। सोयाबीन बिक नहीं रहा। भूखे-प्यासे यहां बैठकर इंतजार करते हैं लेकिन नीलामी नहीं हो पा रही। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि परेशानी नहीं होगी।

नहीं सुधर पा रहे हालात

नीलामी को लेकर किसानों की समस्या थी। सूचना मिलने पर मंडी पहुंचा था। किसानों का कहना था जो बाद में आया उसकी उपज की नीलामी पहले हो रही और जो पहले आए उनकी उपज की नीलामी नहीं कर रहे। इस पर मंडी सचिव को निर्देश दिए कि व्यवस्था बनाएं। टोकन सिस्टम शुरु किया जाए ताकि किसी को दिक्कत न हो। शाम को मंडी कर्मचारियों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं के संबंध में जरुरी निर्देश दिए।

 

 Source: Nai Dunia