श्योपुर। जब फसल में नुकसान होता है तो किसान यह नहीं जान पाते कि नुकसान का कारण कीट हैं या प्राकृतिक बीमारियां। इधर किसान दुकानदारों के बताने पर खेतों में दवाइयां डालते रहते हैं। जिसका असर फसलों पर पड़ता है। पौधों को बीज जनित, भूमि जनित और हवा जनित या कुपोषण संबंध बीमारियां भी हो सकती हैं जिसकी दवाएं अलग अलग होती हैं। यदि फसल में रोग पहचानकर दवा डाली जाएगी तो फसलों में ज्यादा नुकसान नहीं होगा। यह बात कृषि एसडीओ एसके शर्मा ने किसान हित में पत्र जारी कर कही। उन्होंने बताया कि तना छेदक तने में छेट करके पौधों को कमजोर कर देते हैं। भूमिगत कीट जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए किसानों का सलाह दी जाती है कि वह फसलों में ज्यादा दवाएं नहीं डालें। बल्कि बीमारी को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेते हुए दवा का उपयोग करें। इससे फसलों को नुकसान नहीं होता।
Source: Naiduniya News